जम्मू कश्मीर में इस साल विधानसभा चुनाव होने से पहले चुनाव आयोग ने एक बड़ा ऐलान किया है. इस साल
जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव होने की पूरी संभावना नजर आ रही है. हाल ही में जम्मू कश्मीर के मुख्य
निर्वाचन अधिकारी रितेश कुमार ने कहा है कि जो गैर कश्मीरी लोग कश्मीर में रह रहे हैं वह अपना वोटर आईडी
कार्ड बनवाकर वोटर लिस्ट में अपना नाम भी करवा सकते है. इसके बाद सभी गैर कश्मीरियों को भी वोट डालने की
अनुमति मिल जाएगी. इसके बाद से उन्हें किसी निवास प्रमाण पत्र की जरूरत नहीं होगी. इसके अलावा उन्होंने यह
भी जानकारी दी कि जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा के लिए तैनात सुरक्षा बल के जवान भी वोटर आईडी लिस्ट में अपना
नाम शामिल करवा सकते हैं और वोट डाल सकेंगे.
परी के मुताबिक बताया जा रहा है कि इस साल जम्मू-कश्मीर में बड़े पैमाने पर वोटर बढ़ने की उम्मीद जताई जा
रही है. हिरदेश कुमार ने यह भी बताया है कि जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के
हटने के बाद पहली बार जम्मू कश्मीर में लोग मतदान करेंगे. फिर मतदाता सूची में भी कई तरह के संशोधन हो
रहे हैं. 3 साल में बड़ी संख्या में युवा ठारह साल या 18 साल से अधिक उम्र के हो गए. जिन को वोट डालने का
अवसर प्राप्त होगा.
जानकारी के अनुसार 15 सितंबर से वोटर लिस्ट में नाम शामिल करवाने की प्रक्रिया को शुरू किया जाएगा. यह
प्रक्रिया 25 अक्टूबर तक चलेगी. जानकारी के मुताबिक जम्मू-कश्मीर में 18 साल से अधिक उम्र के करीब 9 लाख
लोग हैं जबकि अंतिम मतदाता सूची के अनुसार मतदाताओं की कुल संख्या 76 लाख है.
जम्मू कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती ने इस मामले में केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया और
कहा जम्मू कश्मीर में चुनावों को स्थगित करने संबंधी भारत सरकार का फैसला पहले बीजेपी को लाभ पहुंचाने और
अब केयर थाने लोगों को वोट देने की अनुमति देने का फैसला चुनाव परिणामों को प्रभावित करने के लिए है.
असली उद्देश्य स्थानीय लोगों को शक्तिहीन करके जम्मू कश्मीर पर शासन जारी रखना है.