बीते कुछ दिनों से दिल्ली में भारी बारिश हो रही है। केवल दिल्ली ही नहीं अपितु उत्तर भारत के तमाम हिस्सों में बारिश का कहर जारी है। इसका कारण मानसून नहीं अपितु एक विचित्र वायुमण्डलीय घटना है।
दिल्ली में रविवार को भारी बारिश हुई। विशेषज्ञों के अनुसार दिल्ली में अक्टूबर के एक ही दिन में दूसरी सबसे अधिक वर्षा दर्ज की गई। इससे पहले 2007 में इस तरह की भारी बारिश हुई थी। हालाँकि सोमवार के दिन दिल्ली में ना के बराबर बारिश हुई। भारतीय मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों में उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और बिहार में भारी बारिश की भविष्यवाणी की थी।
मौसम एजेंसी का पूर्वानुमान है कि अगले 5 दिनों में तमिलनाडु और रायलसीमा तथा अगले 3 दिनों में आतंरिक कर्नाटक और तेलंगाना में भारी बारिश की संभावना है।
विशेषज्ञों का मानना है कि मौजूदा बारिश मानसून की बारिश नहीं है। इस साल मानसूनी बारिश सितम्बर माह में 516.9 मी मी दर्ज की गई थी। जबकि अक्टूबर माह में होने वाली इस बारिश के पीछे का मुख्य कारण वायुमण्डलीय घटना है।
आखिर क्यों हो रही है यह तेज़ तरार बारिश ?
उत्तर भारत के तमाम हिस्सों में भारी बारिश दर्ज की गई जिसके पीछे का मुख्य कारण पश्चिमी विक्षोभ है। यह मध्य और उत्तरी क्षोभ मंडल स्तरों में एक ट्रफ के रूप में बन गया है। बता दें कि ट्रफ रेखा 64 डिग्री पूर्व में 25 डिग्री उत्तर के उत्तर में चलती है। एक चक्रवाती परिसंचरण दक्षिण हरियाणा और निचले क्षोभ मंडल स्तरों में पड़ोस में स्थित है।
क्षोभ मंडल को वायुमण्डल की सबसे निचली परत कहा जाता है। यह परत समुद्र तल से 10 किलोमीटर ऊपर फ़ैली हुई है। इसे अधिकांश बादलों का घर कहा जाता है। इन बादलों में वर्षा वाले निंबस बादल भी शामिल है। पश्चिमी विक्षोभ के चक्रवाती परिसंचरण के साथ संपर्क से बिहार, यूपी और उत्तराखण्ड के कई हिस्सों में भारी बारिश हो रही है।
मौसम एजेंसियों ने ट्रफ के कारण उत्तराखंड, पंजाब और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में दिन के समय और पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में व्यापक रूप से गरज के साथ भारी बारिश की संभावना जताई थी। इससे पहले पूर्वी हवाओं का दौर जारी रहा। इन पूर्वी हवाओं के कारण अरब सागर से नमी लेकर एक और ट्रफ रेखा खींची थी। जिससे पिछले एक हफ्ते में दिल्ली से लेकर राजस्थान तक भारी बारिश हुई थी।
भारतीय मौसम विभाग ने कहा है कि दक्षिण – पश्चिम मानसून की वापसी रेखा उत्तरकाशी, नजीबाबाद, आगरा, ग्वालियर, रतलाम, भरूच से होकर गुजरती है और आने वाले कुछ दिनों में उत्तर पश्चिम और मध्य भारत के कुछ हिस्सों में वापसी के लिए स्थितियां अनुकूल होने की संभावना है।
इन शहरों में हो सकती है भारी बारिश
इस वायुमंडलीय घटना के कारण पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उप – हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम में अत्यधिक भारी बारिश होने की संभावना है। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश, बिहार और तमिलनाडु में बहुत भारी वर्षा की संभावना है।