चौधरी देवी लाल एक भारतीय राजनीतिज्ञ थे, जिन्होंने 1989 से 1990 और 1990 से 1991 तक भारत के छठे उप प्रधान मंत्री के रूप में कार्य किया। वे हरियाणा की राजनीती में एक प्रमुख चेहरा थे। देवी लाल (पूरा नाम : देवी लाल दयाल) हरियाणा राज्य से किसान नेता के रूप में उभरे और 1977 से 1979 तक और फिर 1987 से 1989 तक हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे। वह इंडियन नेशनल लोकदल के संस्थापक थे। उन्हें लोकप्रिय रूप से ‘ताऊ’ के नाम से जाना जाता था।
चौधरी देवीलाल का जन्म 25 सितंबर, 1914 को वर्तमान हरियाणा के सिरसा जिले के तेजा खेड़ा गांव में हुआ था। उनकी माता का नाम शुगना देवी और पिता का नाम लेखराम सिहाग था।
देवी लाल के बेटे ओम प्रकाश चौटाला भी चार बार हरियाणा के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। दरअसल, चौधरी देवी लाल की पैतृक जड़ें राजस्थान के बीकानेर में हैं, जहां से उनके परदादा तेजाराम चले गए थे। उनके पिता लेखराम 1919 में जब लाल पाँच वर्ष के थे, तब वे चौटाला गाँव में स्थानांतरित हो गये।
स्वतंत्रता आंदोलन से स्वंतंत्र भारत में राजनीती
1928 में 16 साल की उम्र में लाल ने लाला लाजपत राय के प्रदर्शन में भाग लिया। वह 10वीं कक्षा के दौरान मोगा में “देव समाज पब्लिक हाई स्कूल मोगा” के छात्र थे, उसी समय 1930 में कांग्रेस कार्यालय में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया, उन्होंने पढ़ाई छोड़ दी और स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल हो गये। उन्होंने पंजाब के बादल गांव के एक अखाड़े में कुश्ती की शिक्षा भी ली। वह पहली बार 1952 में विधायक चुने गये।
लाल हरियाणा के एक विपुल राजनीतिक राजवंश से आते हैं। उनके बड़े भाई साहिब राम सिहाग परिवार के पहले राजनेता थे जो 1938 और 1947 में हिसार से कांग्रेस विधायक बने। लाल के चार बेटे थे, प्रताप सिंह, ओम प्रकाश चौटाला, रणजीत सिंह और जगदीश चंदर। जगदीश को छोड़कर सभी राजनीति में शामिल हो गए, जिनकी कम उम्र में मृत्यु हो गई। उनके सबसे बड़े बेटे, प्रताप सिंह, 1960 के दशक में इंडियन नेशनल लोकदल से विधायक थे।[6]
वचन के आगे प्रधानमंत्री का पद छोड़ा
बताया जाता है कि उस दौरान चुनावी प्रक्रिया के बाद वीपी सिंह और उनके बीच कुछ ऐसा हुआ था कि उन्होंने वीपी सिंह (VP Singh) से वादा किया था कि प्रधानमंत्री उन्हीं को बनाया जाएगा। हालांकि, चुनाव के बाद परिणाम आए और देवी लाल को संसदीय दल का नेता भी चुन लिया गया, लेकिन बड़ी ही नाटकीयता से उन्होंने बैठक में कहा कि उनकी जगह वीपी सिंह प्रधानमंत्री बनेंगे। इसके बाद, देवी लाल को उप प्रधानमंत्री बनाया गया।
निधन
चौधरी देवीलाल का 6 अप्रैल, 2001 को 86 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उनका अंतिम संस्कार किसान घाट पर किया गया, जहां भारत के एक अन्य पूर्व प्रधान मंत्री चौधरी चरण सिंह की समाधि, यमुना नदी के तट पर स्थित है।
चौधरी देवी लाल की जीवन यात्रा
1914: हरियाणा के सिरसा के तेज खेड़ा गांव में जन्म
1930: भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल हुए और एक वर्ष के लिए कारावास में डाले गये
1932: स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने के कारण दूसरी बार जेल भेजे गये
1938: अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के लिए चुने गए
1942: 5 अक्टूबर को 2 वर्ष के लिए मुल्तान जेल में कैद किये गये
1943: अक्टूबर में जेल से रिहा किये गये
1944: यूनियनिस्ट पार्टी में शामिल होने से इनकार कर दिया
1952: पंजाब विधानसभा के सदस्य निर्वाचित
1956: पंजाब के कांग्रेस अध्यक्ष बने
1958: सिरसा से विधानसभा में नियुक्त हुए
1971: कांग्रेस पार्टी छोड़ दी
1975: आपातकाल के दौरान 19 महीने के लिए जेल भेजे गए
1977: जनता दल के टिकट पर हरियाणा के मुख्यमंत्री चुने गये
1980: 1982 तक संसद सदस्य के रूप में कार्य किया
1982: 1987 तक राज्य विधानसभा के सदस्य के रूप में कार्य किया
1987: दूसरी बार हरियाणा के मुख्यमंत्री बने
1989: 19 अक्टूबर को भारत के उपप्रधानमंत्री नियुक्त किये गये
1998: राज्यसभा के लिए चयनित
2001: 6 अप्रैल को 86 वर्ष की आयु में निधन हो गया
उप प्रधानमंत्रियों की सूची – Bharat Ke Up Pradhanmantri
भारत के उप-प्रधानमंत्री — Deputy Prime Ministers of India | कार्यकाल —Tenure | प्रधानमंत्री — Prime Minister |
सरदार वल्लभभाई पटेल – Sardar Patel | 1947–1950 | जवाहरलाल नेहरू – Jawaharlal Nehru |
मोरारजी देसाई – Morarji Desai | 1967–1969 | इंदिरा गाँधी – Indira Gandhi |
चौधरी चरण सिंह – Chaudhary Charan Singh | 1979–1979 | मोरारजी देसाई – Morarji Desai |
जगजीवन राम – Jagjivan Ram | ||
वाई. बी. चव्हाण – Y. B. Chavan | 1979–1980 | चौधरी चरण सिंह – Chaudhary Charan Singh |
देवी लाल – Devi Lal | 1989–1990 | वी. पी. सिंह – V.P. Singh |
1990–1991 | चंद्रशेखर – Chandra Shekhar | |
एल. के. अडवाणी – L. K. Advani | 2002–2004 | अटल बिहारी वाजपेयी – Atal Bihari Vajpayee |
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