अटल बिहारी वाजपेयी : पुण्यतिथि विशेष 16 अगस्त

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अटल बिहारी वाजपेयी एक भारतीय राजनीतिज्ञ, राजनेता और कवि थे जिन्होंने कई दशकों तक भारतीय राजनीति में प्रमुख भूमिका निभाई। वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्य थे। आज 16 अगस्त उनकी पुण्यतिथि पर जानतें हैं उनके बारे में कुछ बातें।

जन्म व शिक्षा-दीक्षा

  • अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर 1924 को हुआ था। 
  • वे मध्य-प्रदेश के ग्वालियर में जन्में थे। 
  • उनके पिता थे कृष्ण बिहारी वाजपेयी।
  • कृष्ण बिहारी वाजपेयी एक स्कूल शिक्षक थे।  
  • उनकी माता का नाम था कृष्णा देवी।
  • अटल बिहारी वाजपेयी ने अपनी स्कूली शिक्षा ग्वालियर के सरस्वती शिशु मंदिर में की।
  • तत्पश्चात, वे उज्जैन जिले के बारनगर में एंग्लो-वर्नाक्युलर मिडिल (एवीएम) स्कूल में पढ़े।
  • स्कूली शिक्षा के बाद उन्होंने ग्वालियर के विक्टोरिया कॉलेज, आगरा विश्वविद्यालय (अब महारानी लक्ष्मी बाई गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस) में दाखिला लिया, जहां उन्होंने हिंदी, अंग्रेजी और संस्कृत में कला स्नातक के साथ स्नातक की उपाधि प्राप्त की।
  • उसके बाद डीएवी कॉलेज, कानपुर, आगरा विश्वविद्यालय से अटल बिहारी वाजपेयी ने राजनीति विज्ञान में मास्टर ऑफ आर्ट्स के साथ स्नातकोत्तर की पढ़ाई पूरी की।

Atal Bihari Vajpayee : A Brief Biography

Full Name Atal Bihari Vajpayee
Born 25th December 1924
Died on 16th August 2018
Father’s Name Krishna Bihari Vajpayee
Mother’s Name Krishna Devi
City Gwalior
School Saraswati Shishu Mandir
College (B.A.) Gwalior’s Victoria College (now Maharani Laxmi Bai Govt. College of Excellence)
College (P.G) DAV College, Kanpur
Political Party Bhartiya Janta Party (BJP)
Profession Politician, Writer, Poet
Awards Bharat Ratna, Padma Vibhushan

“वही मन्जिल वही कमरा, वही खिड़की वही पहरा
राज बदला ताज बदला, पर नहीं समाज बदला”

अटल बिहारी वाजपेयी

राजनितिक जीवन

वर्ष 1942 में, 16 साल की आयु में अटल बिहारी वाजपेयी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सक्रिय सदस्य बन गए। अगस्त, 1942 में, भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान वाजपेयी और उनके बड़े भाई प्रेम को 24 दिनों के लिए गिरफ्तार कर लिया गया था।

वर्ष 1951 में, अटल बिहारी वाजपयी को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ओर से ‘भारतीय जन संघ’ में भेजा गया। उन्हें दिल्ली स्थित उत्तरी क्षेत्र के प्रभारी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव के रूप में नियुक्त किया गया था।

1957 के भारतीय आम चुनाव में, वाजपेयी ने भारतीय संसद के निचले सदन लोकसभा के लिए चुनाव लड़ा। यद्यपि वह मथुरा में राजा महेंद्र प्रताप से हार गए, लेकिन बलरामपुर से लोकसभा चुनाव जीत गए।

दीन दयाल उपाध्याय की मृत्यु के बाद जनसंघ का नेतृत्व वाजपेयी के हाथ में आ गया। वह 1968 में जनसंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने।

Atal Bihari Vajpayee : Political Career

Position Party Year
MP, Balrampur Bhartiya Jana Sangh 1957-1962
MP, Uttar Pradesh, Rajya Sabha Bhartiya Jana Sangh 1962-1968
MP, Gwalior Bhartiya Jana Sangh 1971
MP, New Delhi Janata Party 1977
Union Cabinet Minister (External Affairs) Janata Party 1977-1979
MP, Madhya Pradesh Bhartiya Janta Party 1986
Prime Minister of India Bhartiya Janta Party 1996
Prime Minister of India Bhartiya Janta Party 1998-1999
Prime Minister of India Bhartiya Janta Party 1999-2004

प्रधानमंत्री के रूप में

भारत के प्रधान मंत्री के रूप में अटल बिहारी वाजपेयी का इतिहास भी काफी उल्लेखनीय है। वे तीन कार्यकालों तक देश के प्रधानमंत्री रहे। 

वर्ष 1996 में उन्होंने भारत के 10वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली। हालाँकि, जब भारतीय जनता पार्टी लोकसभा में बहुमत बनाने में विफल रही, तो वाजपेयी ने 13 दिनों की अवधि के बाद ही इस्तीफा दे दिया क्योंकि यह स्पष्ट हो गया कि उनके पास सरकार बनाने के लिए आवश्यक समर्थन नहीं था।

प्रधान मंत्री के रूप में उनका दूसरा कार्यकाल 1998 के आम चुनावों के बाद शुरू हुआ जिसके परिणामस्वरूप राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) का गठन हुआ। अटल बिहारी वाजपेई के नेतृत्व वाली यह सरकार कुल 13 महीने तक चली। अटल बिहारी वाजपेई का तीसरा और अंतिम कार्यकाल 1999 से 2004 तक पूरे 5 साल की अवधि तक चला।

अंतिम समय और विरासत

वर्ष 2009 में वाजपेयी को दौरा पड़ा जिससे उनका स्वास्थय काफी खराब रहने लगा।मीडिया रिपोर्टों में कहा गया कि वह व्हीलचेयर पर निर्भर थे और लोगों को पहचान नहीं पाते थे। उन्हें मनोभ्रंश (dementia) और दीर्घकालिक मधुमेह (long-term diabetes) भी था।

11 जून, 2018 को, किडनी में संक्रमण के बाद वाजपेयी को गंभीर हालत में एम्स में भर्ती कराया गया था। 16 अगस्त, 2018 को शाम 5:05 बजे 93 वर्ष की आयु में उन्हें आधिकारिक तौर पर मृत घोषित कर दिया गया।

17 अगस्त की सुबह, भारतीय ध्वज से लिपटा हुआ वाजपेयी का पार्थिव शरीर भारतीय जनता पार्टी मुख्यालय ले जाया गया, जहां पार्टी कार्यकर्ताओं ने दोपहर 1 बजे तक उन्हें श्रद्धांजलि दी।

बाद में उस दोपहर 4 बजे, राजघाट के पास राष्ट्रीय स्मृति स्थल पर पूरे राजकीय सम्मान के साथ वाजपेयी का अंतिम संस्कार किया गया, और उनकी चिता को उनकी दत्तक पुत्री ‘नमिता कौल भट्टाचार्य’ ने मुखाग्नि दी। 19 अगस्त को कौल द्वारा उनकी अस्थियों को हरिद्वार में गंगा नदी में विसर्जित कर दिया गया।

वर्ष 1992 में उन्हें ‘पद्म विभूषण’ दिया गया। 

वर्ष 2015 में अटल बिहारी वाजपेयी को ‘भारत रत्न’ सम्मान से अलंकृत किया गया।

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