भारत में हर साल मातृ दिवस (Mother's Day) मई के दूसरे रविवार को मनाया जाता है। इस साल मदर्स डे 12 मई को मनाया जाएगा। हम सभी चाहते हैं कि हमारी माँ हमेशा खुश रहें। इसलिए इस दिन हर कोई अपनी माँ के लिए कुछ न कुछ स्पेशल प्लान करके उन्हें खुश करने की कोशिश करता है। ये तो हर माँ जानती है कि उनके बच्चे उनसे कितना प्यार करते हैं, लेकिन फिर भी इस खास दिन पर हम अपनी को ये एहसास करवाते हैं इस दुनिया में हम सबसे ज़्यादा उसे ही चाहते हैं और प्यार करते हैं।
अगर आप इस मदर्स डे अपनी माँ को ये बताना चाहते हैं कि आप उनसे कितना प्यार करते हैं, तो आप इन मदर्स डे पर शायरी (Mother's Day Shayari) का इस्तेमाल कर सकते हैं। माँ पर लिखे ये खूबसूरत शेर पढ़कर आप अपनी माँ को खुश कर सकते हैं और बता सकते हैं कि वो ही हमारे लिए सबकुछ है। तो आइए पढ़ते हैं माँ पर लिखी गईं खूबसूरत पंक्तियां।
चलती फिरती हुई आँखों से अज़ाँ देखी है
मैं ने जन्नत तो नहीं देखी है माँ देखी है
- मुनव्वर राना
दुआ को हात उठाते हुए लरज़ता हूँ
कभी दुआ नहीं माँगी थी माँ के होते हुए
- इफ़्तिख़ार आरिफ़
अभी ज़िंदा है माँ मेरी मुझे कुछ भी नहीं होगा
मैं घर से जब निकलता हूँ दुआ भी साथ चलती है
- मुनव्वर राना
एक मुद्दत से मिरी माँ नहीं सोई 'ताबिश'
मैं ने इक बार कहा था मुझे डर लगता है
- अब्बास ताबिश
इस तरह मेरे गुनाहों को वो धो देती है
माँ बहुत ग़ुस्से में होती है तो रो देती है
- मुनव्वर राना
किसी को घर मिला हिस्से में या कोई दुकाँ आई
मैं घर में सब से छोटा था मिरे हिस्से में माँ आई
- मुनव्वर राना
जब भी कश्ती मिरी सैलाब में आ जाती है
माँ दुआ करती हुई ख़्वाब में आ जाती है
- मुनव्वर राना
कल अपने-आप को देखा था माँ की आँखों में
ये आईना हमें बूढ़ा नहीं बताता है
- मुनव्वर राना
तेरे दामन में सितारे हैं तो होंगे ऐ फ़लक
मुझ को अपनी माँ की मैली ओढ़नी अच्छी लगी
- मुनव्वर राना
माँ की आग़ोश में कल मौत की आग़ोश में आज
हम को दुनिया में ये दो वक़्त सुहाने से मिले
- कैफ़ भोपाली