भारत के राज्यों व उनके अलग-अलग शहरों के प्रसिद्ध उत्पादों को जीआई टैग (GI Tag) मिलने की संख्या लगातार बढ़ रही है। भारत में अब तक लगभग 635 उत्पादों को जीआई टैग मिल चुका है। अभी हाल ही में भारत के 60 से ज्यादा उत्पादों को एक साथ जीआई टैग प्रदान किया गया। इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ कि इतनी बड़ी संख्या में एक साथ इतने सारे उत्पादों को जीआई टैग दिया गया हो। सोशल मीडिया पर लगातार जीआई टैग की खबर आने से लोगों के मन में सवाल है कि आखिर जीआई टैग क्या होता है? या जीआई टैग किसे दिया जाता है?
जीआई टैग (GI Tag) यानी कि भौगोलिक संकेत (Geographical Indication) जिसका संबंध किसी क्षेत्र की विशेष वस्तु या उत्पाद से होता है, जो ये दर्शाता है कि वह खास उत्पाद उस मूल क्षेत्र से जुड़ा हुआ है। जीआई टैग एक प्रतीक या चिह्न है, जो उत्पाद की विशेषता को दर्शाता है और ये बताता है कि उस खास उत्पाद का संबंध किस मूल क्षेत्र से है। आसान भाषा में अगर इसे समझें, तो जीआई टैग से पता चलता है कि वह विशेष उत्पाद कहां बनाया जाता है और उसमें ऐसा क्या खास है, जो उसे बाकी सब से अलग बनता है।
जीआई टैग मिलने वाले उत्पादों की अगर हम बात करें, तो कृषि, खाद्य सामग्री, हस्तशिल्प आदि से जुड़े उत्पादों को जीआई टैग दिया जाता है। आपको बता दें कि बनारस की ठंडाई, कश्मीर का केसर, मणिपुर का काला चावल, पश्चिम बंगाल का रसगुल्ला, राजस्थान की बीकानेरी भुजिया को विशेष खाद्य सामग्री में जीआई टैग मिल चुका है। इसके अलावा हस्तशिल्प में उत्तर प्रदेश की अमरोहा ढोलक और तमिलनाडु की कंडांगी साड़ी को जीआई टैग दिया गया है।
वर्ष 1999 में रजिस्ट्रीकरण और संरक्षण को लेकर संसद में एक अधिनियम पारित किया गया, जिसे वर्ष 2003 में लागू किया गया। जिसके बाद से भारत में जीआई टैग देने की शुरुआत हुई। इस अधिनियम को Geographical Indications of Goods (Registration and Protection) Act, 1999 नाम दिया गया। सबसे पहला जीआई टैग वर्ष 2004 में दार्जिलिंग की चाय को विशेष खाद्य सामग्री के लिए दिया गया था।
जीआई टैग मिलने के बाद वह उत्पाद कानूनी रूप से संरक्षित हो जाता है और उसी प्रकार का कोई दूसरा उत्पाद बाजार में नहीं आ सकता। इसके अलावा जीआई टैग प्राप्त वाले उत्पाद का नाम भी कोई अपने अन्य उत्पाद के लिए भी इस्तेमाल नहीं कर सकता है।
जीआई टैग की समय सीमा की अगर हम बात करें, तो ये दस साल के लिए मान्य होता है। दस साल पूरे होने पर आप इसे फिर से पुनर्स्थापित करवा सकते हैं। जीआई टैग मिलने के बाद किसी भी उत्पाद की अहमियत और पहचान काफी बढ़ जाती है।