सर चार्ल्स स्पेंसर चैपलिन (Charlie Chaplin) (16 अप्रैल 1889 – 25 दिसंबर 1977) एक अंग्रेजी हास्य अभिनेता, फिल्म निर्माता और संगीतकार थे, जो मूक फिल्म के युग में प्रसिद्ध हुए। वह अपने स्क्रीन व्यक्तित्व, ट्रैम्प के माध्यम से दुनिया भर में एक आइकन बन गए, और उन्हें फिल्म उद्योग की सबसे महत्वपूर्ण हस्तियों में से एक माना जाता है।
कला की शुरुआत
चार्ली चैपलिन ने बहुत ही कम उम्र में थिएटर और माइम कला (Mime art) में अपनी रुचि दिखानी शुरू की। उन्होंने कई सर्कस और स्टेज शो में काम किया। धीरे-धीरे, उनका टैलेंट उन्हें लंदन के थिएटरों में पहचान दिलाने लगा।
चार्ली चैपलिन बायोग्राफी – Charlie Chaplin Biography in Hindi
जन्म | 16 अप्रैल 1889 |
जन्म स्थान | लंदन, इंग्लैंड |
व्यवसाय | अंग्रेजी हास्य अभिनेता, फिल्म निर्माता और संगीतकार |
माता – पिता | चार्ल्स चैपलिन सीनियर, हन्ना हिल |
पत्नी | ऊना ओ’नील |
निधन | 25 दिसंबर 1977 |
फिल्म इंडस्ट्री में कदम
1914 में, चार्ली चैपलिन ने फिल्मों में कदम रखा और एक छोटे से रोल के साथ अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की। उनका पहला फिल्मी करियर की शुरुआत “कीपिंग डाउन” से हुई थी। लेकिन, 1914 में आई उनकी फिल्म “टेम्पलट” ने उन्हें पहचान दिलाई।
हास्य के बादशाह
चार्ली चैपलिन के अभिनय का अंदाज अलग था। उनकी माइम (मौन अभिनय) और शारीरिक हास्य कला ने उन्हें पूरी दुनिया में प्रसिद्ध कर दिया। उनके पात्र, विशेषकर “द ट्रैम्प” (The Tramp), जो एक गरीब लेकिन उम्मीद से भरे व्यक्ति का रोल था, ने उन्हें विश्वभर में पहचान दिलाई।
प्रमुख फिल्में
चार्ली चैपलिन की कुछ प्रमुख फिल्में, जिन्होंने उन्हें सिनेमा के इतिहास में अमर कर दिया, उनमें शामिल हैं:
- “सिटी लाइट्स” (1931) – यह फिल्म उनके करियर की सबसे महत्वपूर्ण फिल्म मानी जाती है।
- “गोल्ड रश” (1925) – इसमें उन्होंने अपने कॉमिक जादू (comic magic) से दर्शकों को दीवाना बना दिया।
- “मॉडर्न टाइम्स” (1936) – यह फिल्म समाज की मशीन युग और पूंजीवाद की आलोचना करती है, जिसमें उन्होंने एक मजदूर का किरदार निभाया।
राजनीतिक विचार और विवाद
चैपलिन अपनी फिल्मों के जरिए समाज और राजनीति पर भी टिप्पणियां करते थे। उन्होंने फासीवाद और युद्ध के खिलाफ अपने विचार व्यक्त किए। 1940 में, उन्होंने “द ग्रेट डिक्टेटर” नामक फिल्म बनाई, जो Adolf Hitler की आलोचना करती थी।
चार्ली चैपलिन का नाम विवादों में भी रहा। 1952 में, अमेरिका ने उन पर Communism के आरोप लगाए और उन्हें देश से बाहर कर दिया। इस कारण, वे स्विट्जरलैंड में बस गए।
आखिरी दिन और विरासत
चार्ली चैपलिन का निधन 25 दिसंबर 1977 को स्विट्जरलैंड में हुआ। उनके जाने के बाद, उन्होंने दुनिया को हास्य और अभिनय का एक नया रूप दिया। आज भी उनके फिल्मी योगदान को याद किया जाता है और उनकी फिल्मों को क्लासिक्स माना जाता है।
निष्कर्ष
चार्ली चैपलिन एक महान अभिनेता, निर्देशक, और निर्माता थे। उनके हास्य ने न केवल सिनेमा को नयापन दिया, बल्कि पूरी दुनिया में एक अमिट छाप छोड़ी। आज भी उनके द्वारा बनाई गई फिल्में हमें हंसी के साथ-साथ जीवन के महत्वपूर्ण संदेश देती हैं।