जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के कन्वेंशन सेंटर में सैंकड़ों छात्रों की मौजूदगी में ‘द केरल स्टोरी’ की स्क्रीनिंग का आयोजन किया गया। फिल्म के कई दृश्यों ने दर्शकों को पूरी तरह से झकझोर कर रख दिया। फिल्म की स्क्रीनिंग के दौरान फिल्म के निर्देशक सुदीप्तो सेन के साथ निर्माता विपुल अमृतलाल शाह और मुख्य अभिनेत्री अदा शर्मा भी मौजूद थी। स्क्रीनिंग के बाद छात्रों ने फिल्म से जुड़े कई पहलुओं और फिल्म के किरदारों के बारे में बात की।
सुदीप्तो सेन ने की छात्रों से बात
फिल्म के निर्देशक सुदीप्तो सेन ने छात्रों से बात करते हुए बताया है की फिल्म बनाने के दौरान उन्हें कितनी कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ा। उन्होंने बताया कि फिल्म में 32,000 लड़कियों के लापता होने की कहानी दिखाई गई है लेकिन असल में यह आँकड़ा 50,000 से भी ऊपर है। फिल्म निर्माता अमृतलाल शाह ने बताया कि इस तरह की फिल्म बनाते हुए उन्हें इंडस्ट्री में बहुत कुछ सहना पड़ा। शुरुआत में जो लोग इस फिल्म से दूरी बनाना चाहते थे आज वो खुद स्वयं को इस फिल्म का हिस्सा बताते हैं।
अदा शर्मा ने अपने किरदार के बारे में ये कहा
इस फिल्म की मुख्य अभिनेत्री अदा शर्मा हैं। फिल्म की स्क्रीनिंग के दौरान उन्होंने भी कैंपस में मौजूद छात्रों से अपने किरदार के बारे में बात की। उन्होंने बताया कि फिल्म में उनके किरदार को उन्होंने सिर्फ निभाया ही नही बल्कि उसे सही मायनों में जिया भी है।
फिल्म को लेकर क्यों उठ रहा विवाद ?
फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ विवादों में घिर गई है। फिल्म को लेकर सोशल मीडिया दो गुटों में बंटा हुआ नज़र आ रहा है। एक ओर इस फिल्म को केरल का सच बताया जा रहा है तो वहीं दूसरी ओर इस फिल्म को एक प्रोपेगेंडा बताया जा रहा है। फिल्म को लेकर उठे विवाद में एक पक्ष का कहना है कि फिल्म में 32 हजार लड़कियों के गायब होने का दावा किया जा रहा है जबकि दूसरे पक्ष का कहना है कि यह कहानी केवल तीन लड़कियों के गायब होने पर आधारित है।
सुप्रीम कोर्ट ने की ये टिप्पणी
सर्वोच्च न्यायालय में ‘द केरल स्टोरी’ की रिलीज पर रोक लगाने को लेकर याचिका दायर की गई थी। इस पर मंगलवार को कोर्ट ने याचिकाकर्ता के वकील से कहा है कि शीर्ष अदालत आने से पहले उन्हें उच्च न्यायालय जाना चाहिए।
जस्टिस के एस जोसेफ और बी वी नागरत्न की पीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और निजाम पाशा की दलीलों को सुनने के बाद यह टिप्पणी की। अधिवक्ता ने फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने की मांग करने के साथ ही मामले पर तत्काल सुनवाई करने की मांग भी रखी थी। अधिवक्ता निजाम पाशा ने दलील देते हुए कहा था कि यह फिल्म शुक्रवार को रिलीज होने वाली है। यह फिल्म नफरती भाषण का सबसे खराब उदाहरण होने के साथ ही ऑडियो विजुअल दुष्प्रचार