रानी दुर्गावती का जन्म 5 अक्टूबर 1524 ई. को प्रसिद्ध चंदेल परिवार में हुआ था। उनका जन्म बांदा, उत्तर प्रदेश के में हुआ था। भारतीय इतिहास में चंदेल राजवंश ने महमूद गजनवी के आक्रमणों को विफल कर दिया था।
रानी का विवाह राजा संग्राम शाह के सबसे बड़े पुत्र दलपतशाह से हुआ था। 1545 ई. में उन्हें पुत्र धन की प्राप्ति हुई, जिसका नाम वीर नारायण रखा गया। रानी के पति दलपतशाह की मृत्यु के उपरांत गद्दी सम्हालने की बड़ी विचित्र परिस्थिति थी। चूंकि उनके पुत्र वीर नारायण उस समय बहुत छोटे थे, तब रानी दुर्गावती ने अपने ह्रदय में दृढ़ता लेट हुए गोंड साम्राज्य की बागडोर अपने हाथों में ले ली।
रानी दुर्गावती को मुख्य रूप से बाहरी आक्रमणों, विशेष रूप से मुग़ल बादशाह अकबर के कमांडर आसफ खान के नेतृत्व वाली सेना के खिलाफ अपने राज्य की रक्षा करने में उनकी वीरता और दृढ़ संकल्प के लिए याद किया जाता है। वह विदेशी शासन और उत्पीड़न के खिलाफ प्रतिरोध का प्रतीक बन गईं।
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