अक्सर आपने यह सुना होगा की बासी खाना आपके स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक होता है। यह आपकी सेहत को बुरी तरह से नुकसान पहुंचाता है। बासी खाना खा कर आपको फ़ूड पोइशनिंग, अपच और एसिडिटी जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। लेकिन हर तरह के खाने के साथ यह बात फिट नहीं बैठती। विशेष रूप से तब जब बात गेहूं के आटे से बनी रोटी की हो। अपोलो हॉस्पिटल की सीनियर कंसल्टेंट, न्यूट्रिशनिस्ट डॉ. प्रियंका रोहतगी कहती हैं की भारत में रोटी गेहूं के आटे और पानी से बनाई जाती है और इसके बनने के बाद यह नमी को बरकरार नहीं रखती। यही वजह है कि इसकी शेल्फ लाइफ ज़्यादा होती है। अधिकतर घरों में बासी रोटी बचने के बाद आवारा कुत्तों को खिलाई जाती है। लेकिन अगर आपकी रात की रोटियाँ बच गई हैं तो आप इन्हे सुबह नाश्ते में खा सकते हैं या फिर आप इन्हे 12 से 15 घंटे के भीतर खा सकते हैं।
एसिडिटी की समस्या में राहत मिलती है
आज के समय में एसिडिटी की समस्या बेहद आम समस्या बन गई है। बिज़ी लाइफस्टाइल की वजह से खाना बनाने का टाइम किसी के पास नहीं है। ऐसे में अधिकतर लोग बाहर के खाने पर ही निर्भर रहते हैं। बाहर का तला हुआ और मसालेदार खाना खाने की वजह से एसिडिटी की समस्या और भी ज़्यादा बढ़ जाती है। इस सिचुएशन में हर सुबह दूध के साथ बासी रोटी खानी चाहिए। इससे एसिडिटी की समस्या से राहत मिलती है।
डायजेशन बेहतर बनाने के लिए
बासी रोटी में फाइबर की मात्रा काफी ज़्यादा होती है। फाइबर आपके पेट के लिए काफी अच्छा होता है। बासी रोटी पेट से सम्बंधित परेशानियों को दूर करने में कारगर है। डाइजेशन से सम्बंधित समस्या होने पर आपको बासी रोटी को दूध के साथ खाना चाहिए। चपाती के बासी होने पर उसमें कुछ अच्छे बैक्टीरिया आ जाते हैं। यह बैक्टीरिया सेहत के लिए काफी फायदेमंद होते हैं। बासी रोटी का सेवन सुबह ठन्डे दूध के साथ करने से ब्लड प्रेशर की समस्या से राहत मिलती है।
शुगर और बीपी रहता है कंट्रोल
बासी रोटी का सेवन करने से शुगर और बीपी का स्तर कंट्रोल रहता है। आपको बासी रोटी का सेवन सुबह ठन्डे दूध के साथ करना चाहिए। बासी रोटी को ठन्डे दूध में भिगोकर 10 मिनट के लिए छोड़ दें। इसके बाद इसे खा लें। आपको समस्या से राहत मिलेगी।
शरीर के तापमान को नॉर्मल रखता है
बासी रोटी खाने से शरीर का तापमान नार्मल रहता है। बासी रोटी को अगर गर्मी के दिनों में खाया जाए तो इससे हीट स्ट्रोक जैसी दिक्क्तें होने का खतरा भी कम होता है।
डिस्क्लेमर – यह लेख सामान्य जानकारी पर आधारित है। अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए इस क्षेत्र से सम्बंधित विशेषज्ञ से सलाह लेना ही उचित है। ultranewstv इस जानकारी की पुष्टि नहीं करता और ना ही इसकी ज़िम्मेदारी लेता है।
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