रेलवे में आजादी के बाद पहली बार विभाग के शीर्ष संस्था रेलवे बोर्ड में सदस्यों की नियुक्ति अधिकारी की
वरिष्ठता क्रम के बजाय उनके काम के दम पर होगी। रेलवे बोर्ड अध्यक्ष अथवा सदस्य बनने के लिए वरिष्ठ
अधिकारियों को अपने कार्यकाल के दौरान पांच उपलब्धियां बतानी होगी। नई नियुक्ति मिलने पर पांच लक्ष्य बताने
होंगे, जिसे तय समयसीमा में पूरा करना होगा। इसके बाद ही अधिकारी रेलवे बोर्ड में तैनाती पा सकेंगे।
रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष और सीईओ वीके त्रिपाठी ने इस बाबत 30 अगस्त को चयन मानदंड संबंधी निर्देश जारी किए
हैं। इसमें उल्लेख है कि रेलवे बोर्ड में खाली पड़े सदस्यों (लेवल-17) की सीटों के लिए योग्य अधिकारी अपनी
आधिकारिक मेल आईडी से टॉप तीन पदों के लिए आवेदन कर सकते हैं। आजादी के बाद पहली बार शीर्ष स्तर पर
रेलवे बोर्ड सदस्यों की नियुक्तियां भारतीय रेल मैनेजमेंट सर्विस के तहत शुरू की गई हैं। रेलवे बोर्ड में नियुक्ति के
लिए अधिकारियों की छवि, नेतृत्व क्षमता, कार्यकुशलता आदि का फीडबैक लिया जाएगा। सदस्यों की नियुक्ति के
लिए एक समिति का गठन किया जाएगा, जो कि अधिकारियों के दावों की जांच करेगी।
इसके बाद अधिकारियों के पैनल को कैबिनेट की नियुक्ति संबंधी समिति (एसीसी) के पास मंजूरी के लिए भेजा
जाएगा। हालांकि, वरिष्ठता क्रम में रेलवे बोर्ड सदस्य बनने के दावेदार अधिकारी नई नियुक्ति प्रक्रिया को गलत
बता रहे हैं। र्क है कि चयन प्रक्रिया डिपार्टमेंट प्रमोशन कमेटी (डीपीसी) करता है। जिसे दरकिनार किया गया।
नई व्यवस्था में एक रेलवे बोर्ड अध्यक्ष (सीआरबी) एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) है। इसके साथ चार रेलवे
बोर्ड सदस्य हैं। सदस्य (अवसंरचना), सदस्य (परिचालन व व्यवसाय विकास), सदस्य (कर्षण एवं चल स्टॉक) एवं
सदस्य (वित्त)। इसके साथ दो महानिदेशक पहला महानिदेशक, मानव संसाधन और दूसरा संरक्षा हैं। वर्तमान में
रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष वीके त्रिपाठी सेवानिवृत्त हो चुके हैं। उनको छह माह का सेवा विस्तार दिया गया है। वहीं,
सदस्य (परिचालन व व्यवसाय विकास) को छोड़कर सभी सदस्यों के पद कई महीनों से खाली पड़े हैं। इसमें
महानिदेशक संरक्षा और महानिदेशक मानव संसाधन पद खाली हैं।