इस साल AeroIndia 2025 जो कि 10 फरवरी से 14 फरवरी 2025 तक है, रूस के दूतावास द्वारा जानकारी दी जा रही है कि वे भी इस शो में अपनी टेक्नोलॉजी का प्रदर्शन करेंगे।
भारत में हो रहे AeroIndia 2025 में रूस का एडवांस फाइटर जेट दिखाया जाएगा। इस शो में रूस का फाइटर जेट फिफ्थ जेनरेशन फाइटर जेट Su- 57 को शामिल किया जा रहा है। रूस लगातार भारत को इस जेट की ताकत से रिझा रहा है, अगर भारत इस जेट को अपनी सेना में शामिल करता है तो चीन-पाक की मुश्किलें बढ़ेंगी।
इस विमान के खरीदे जाने से जो टेक्नोलॉजी ट्रांसफेर होगी, उससे भारत को एक तरफ फायदा होगा दूसरी तरफ गवर्नमेंट के मेक इन इंडिया प्रोजेक्ट को दरकिनार कर दिया जाएगा, वहीं अगर इस टेक्नोलॉजी या किसी अन्य टेक्नोलॉजी का निर्माण कार्य भारत करता है तो इससे रोजगार के अवसरों को भी बढ़ावा मिलेगा साथ ही भारत अपनी बनाई टेक को विदेश निर्यात कर लाभ भी कमा सकता है।
इस विमान के खरीदे जाने से भारत-रूस के संबंधों की मजबूती का पता चलेगा, साथ ही आगे भविष्य में बनने वाले जेट्स के लिए आइडिया मिलेगा, अगर इस जेट का ट्राइयल भारत में किया जाता है तो वायु सेना के अधिकारियों और विमान चालक, भारतीय वायु सेना भी इससे बहुत कुछ सीखेंगे।
इस विमान की ताकत के बारें में जानते हैं-
जेट की स्पीड और हथियार
इस विमान Su- 57 की स्पीड 2600 km/h बताई जा रही है, वर्तमान में भारत के पास जो जेट है जैसे MiG-2, Sukhoi Su-7 इन विमानों की औसत स्पीड 1300 km/h है, अगर Su- 57 भारत खरीदता है तो भारत के विमानों की औसत स्पीड 1733.33 km/h तक बढ़ने की संभावना है। इस विमान में शॉर्ट, मिडीयम और लॉन्ग रेंज की मिसाइलें हवा में फायर करने की क्षमता है।
इसी फाइटर जेट को लेकर रूस, रूस-यूक्रेन युद्ध में उतरा था, इस विमान Su- 57 की R-35M मिसाइल में कटिंग एज टेक्नोलॉजी वाला हथियार है, इस विमान का सबसे ज़्यादा इस्तेमाल रूस-यूक्रेन युद्ध में किया है। यह विमान Su-57 में स्टील्थ, सुपरमैन्युवरेबिलिटी, सुपरक्रूज़, एकीकृत एवियोनिक्स और कई तरह के मिशन कर सकता है।
इस विमान की कॅम्बैट रेंज 1250km है साथ ही यह विमान 66 हजार फीट की ऊंचाई तक जा सकता है। यह विमान 20 मी लंबा, 14.1 मी विंग स्पैन और 4.6 मी की ऊंचाई है। विमान का वेट 18,500kg, यह विमान अधिकतम 35,000 kg का भार ले जा सकता है।
भारतीय वायुसेना के प्रोजेक्ट AMCA को पूरा होने में अभी काम से काम दस वर्ष का समय लगेगा, इस प्रोजेक्ट का मुख्य उद्देश्य है की भारत भी फिफ्थ जेनरेशन जेट बना सके। इस प्रोजेक्ट का पहल प्रोटटाइप 2028-29 में तैयार होगा, इस प्रोजेक्ट के उत्पादन शुरू होने का समय प्रोटटाइप के 4-5 साल बाद बताया गया है। इस समय चीन के पास फिफ्थ जेनरेशन जेट तकरीबन 200 हैं, पाक को चीन या तुर्की से मिल जाएंगे, अगर भारत इस बीच में अपना प्रोजेक्ट पूरा नहीं कर सका तो रूस या अमेरिका से ही इन जेट्स का आयात करना होगा। अभी भारत दो प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है जिसमें पहला AMCA है और दूसरा TEDBF है।