गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध के बाद आटा, मैदा और सूजी के निर्यात पर भी लगेगा रोग, आइए जाने क्या है पूरी जानकारी

hAFUBAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAALwGsYoAAaRlbhAAAAAASUVORK5CYII= गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध के बाद आटा, मैदा और सूजी के निर्यात पर भी लगेगा रोग, आइए जाने क्या है पूरी जानकारी

मई में गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के बाद अब सरकार ने आटा मैदा और सूजी के निर्यात पर भी रोक लगा
दी है. केंद्रीय मंत्रिमंडल के गत सप्ताह पारित इस आदेश को जारी करते हुए विदेश व्यापार महानिदेशालय ने कहा
है कि यह कदम इन वस्तुओं की कीमतों में काबू पाने के लिए उठाया गया है. फिर भी कुछ मामलों में भारत
सरकार की अनुमति के साथ इन वस्तुओं के निर्यात की अनुमति दी जाएगी.

अधिसूचना के अनुसार अब अंतर मंत्रालय समिति से आटा के अलावा आटा के लिए भी भी मजदूरी लेने की जरूरत
होगी. इसमें कहा गया कि विदेश व्यापार नीति 2015 से 20 के खास प्रावधान इस अधिसूचना के तहत लागू नहीं
होगा. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार 2021-22 में फसल के उत्पादन में 10% की गिरावट आई है जिसके कारण थोक
व खुदरा मार्केट में गेहूं की कीमतें बढ़ी है. रूस और यूक्रेन वैश्विक स्तर पर एक चौथाई गेहूं का व्यापार पर काबिज
है दोनों देशों के बीच युद्ध के कारण दुनिया भर में गेहूं की आपूर्ति में व्यवधान पैदा हुआ है जिसके कारण भारतीय
गेहूं की मांग में बढ़ोतरी देखी गई थी.

25 अगस्त आर्थिक मामलों की कैबिनेट मीटिंग में कमोडिटी की बढ़ोतरी कीमतों को रोकने के लिए गेहूं और फौजी
के आटे के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया गया है. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अनुसार 22
अगस्त को भारत में गेहूं का औसत खुदरा दाम ₹31 प्रति किलोग्राम रहा जो पिछले साल के मुकाबले 22% अधिक
है. 1 साल पहले इसी अवधि में गेहूं ₹25 प्रति किलोग्राम था वहीं गेहूं के आटे के दाम में औसतन 17 परसेंट की
बढ़ोतरी दर्ज की गई है. अभी गेहूं का आटा ₹35 प्रति किलोग्राम हो गया है जो पहले ₹30 हुआ करता था.

Total
0
Shares
Previous Post
दिल्ली के गुरु तेग बहादुर अस्पताल में भी होगी एंडोवस्कुलर सर्जरी की शुरुआत, सर्जरी के मरीजों के लिए आई नई खबर

दिल्ली के गुरु तेग बहादुर अस्पताल में भी होगी एंडोवस्कुलर सर्जरी की शुरुआत, सर्जरी के मरीजों के लिए आई नई खबर

Next Post
दुनिया के कई देशों में सूखे के कारण लोगों का जनजीवन हुआ अस्त-व्यस्त

दुनिया के कई देशों में सूखे के कारण लोगों का जनजीवन हुआ अस्त-व्यस्त

Related Posts
Total
0
Share