दिल्ली विधानसभा चुनाव जीतने के बाद बीजेपी की नजरें अब बिहार पर हैं। एनडीए की सत्ता में वापसी के लिए बीजेपी ने संगठन के अंदर सोशल इंजीनियरिंग पर काम शुरू कर दिया है। आज शाम 4 बजे नीतीश कैबिनेट का विस्तार होने जा रहा है और दिलचस्प बात ये है कि कैबिनेट की सातों खाली बर्थ बीजेपी कोटे में दिए जाने पर हंसी-खुशी से सहमति बन गई है। पहले चर्चा थी कि बीजेपी कोटे से तीन और जदयू कोटे से दो नए चेहरे मंत्रिमंडल में शामिल होने जा रहे हैं। हालांकि, अब यह पूरी तरह साफ हो गया है कि चुनाव से ठीक पहले नीतीश ने बड़ा दिल दिखाया है और बीजेपी के दोनों हाथों में लड्डू थमा दिए हैं।
दरअसल, बिहार में ये चुनावी साल है और उससे पहले नीतीश सरकार में कैबिनेट विस्तार होने जा रहा है। सियासी गलियारों में चर्चाएं लाजिमी हैं। राज्य में एनडीए की सरकार है। अलायंस में बीजेपी, जेडीयू, HAM, LJP (R) शामिल हैं. जदयू प्रमुख नीतीश कुमार मुख्यमंत्री हैं। उनके सहयोगी के तौर पर बीजेपी कोटे से सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा डिप्टी सीएम हैं।
फिलहाल, नीतीश कैबिनेट में मंत्रियों की संख्या 29 है। अभी 7 पद खाली हैं। इस समय बीजेपी से 14, जेडीयू से 13, HAM से 1 और एक निर्दलीय कोर्ट से मंत्री है। अब सात नए चेहरे बीजेपी के कोटे से शामिल होने जा रहे हैं। ऐसे में बीजेपी कोटे से मंत्रियों की संख्या 21 हो जाएगी। जबकि सीएम नीतीश समेत जेडीयू से 13 मंत्री कैबिनेट का हिस्सा बने रहेंगे।
बीजेपी ने नीतीश को बनाया बड़ा भाई
ये विधायक बने मंत्री-
विधायक | सीट | |
1 | संजय सराओगी | दरभंगा |
2 | सुनील कुमार | बिहारशरीफ |
3 | जीवेश कुमार | जाले |
4 | राजू कुमार सिंह | साहेबगंज |
5 | मोती लाल प्रसाद | रिगा |
6 | विजय कुमार मंडल | सिकटी |
7 | कृष्ण कुमार महतो | अमनौर |
इससे पहले साल 2020 में बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे आए तो एनडीए ने सबसे ज्यादा 125 और महागठबंधन ने 110 सीटों पर जीत हासिल की थी। एनडीए में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। लेकिन, वादे के मुताबिक, बीजेपी ने नीतीश को बड़ा भाई बनाया और वो सातवीं बार सीएम बने। लेकिन 2022 में नीतीश ने बीजेपी से नाता तोड़ लिया और लालू प्रसाद यादव के साथ चले गए और महागठबंधन की सरकार में आठवीं बार सीएम बन गए।
अब विधानसभा चुनाव से ठीक कुछ महीने पहले कैबिनेट विस्तार की बारी आई तो नीतीश ने बड़ा दिल दिखाया और बीजेपी को खाली सातों सीटों पर मंत्री बनाने पर सहमति जता दी है। 2025 के चुनाव में एनडीए नीतीश के नेतृत्व में ही चुनाव लड़ने का दावा कर रहा है।