मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रविवार को दिल्ली में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के घर पर इसे लेकर गहन मंथन किया गया।
रिपोर्ट्स की मानें तो इस बैठक में राजनाथ सिंह के अलावा गृह मंत्री अमित शाह, बीजेपी महासचिव बीएल संतोष के साथ-साथ संघ की तरफ से महासचिव दत्तात्रेय होसबले और संयुक्त महासचिव अरुण कुमार मौजूद थे।
भारतीय जनता पार्टी के संविधान के मुताबिक कम से कम 50 प्रतिशत राज्यों में संगठन का चुनाव होने के बाद ही राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव किया जा सकता है।
ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यही है कि आखिर भारतीय जनता पार्टी को अपना नया अध्यक्ष चुनने में इतनी देर क्यों लग रही है?
क्या एक बार फिर जेपी नड्डा का कार्यकाल बढ़ाया जा सकता है? क्या ओबीसी वर्ग से कोई नया चेहरा इस पद पर देखने को मिल सकता है?
साल 2014 में नरेंद्र मोदी ने पूर्ण बहुमत से केंद्र में सरकार बनाई। तब अमित शाह को तीन साल के लिए पार्टी अध्यक्ष बनाया गया।
राजनीति के जानकारों का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी और संघ के बीच साल 2019 के बाद टकराव ज्यादा गहरा हुआ है, जिसके चलते स्थितियां पेचीदा हुई हैं।
जून 2019 में जेपी नड्डा को बीजेपी का कार्यकारी अध्यक्ष और जनवरी 2020 में पूर्णकालिक अध्यक्ष बनाया गया. इस साल फरवरी में उनका कार्यकाल जून 2024 तक बढ़ाया गया था।
तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी ने उन्हें स्वास्थ्य मंत्री बनाया. बीजेपी में एक व्यक्ति एक पद का नियम भी है जिसके चलते उन्हें अध्यक्ष पद छोड़ना पड़ेगा।