संसद भवन में बजट सत्र के पहले ही दिन राष्ट्रपति के अभिभाषण पर गांधी परिवार से हुई टिप्पणी से मचा विवाद।
काँग्रेस के राज्यसभा संसद सोनिया गांधी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण के लिय कहा कि “आखिर से बोलते हुए वे थक गई थी, बहुत मुश्किल से बोल पा रही थी।”
इस बात राष्ट्रपति भवन की और से प्रतिक्रिया आई कि सोनिया गांधी के बयान सर्वोच्च पद की गरिमा को नुक़सान पहुंचाने वाला बताया गया है।
बीजेपी की और से इसे अपमानजनक बताया गया, इसी बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पर लिखा की आज राष्ट्रपति जी ने दोनों सदनों के संबोदन में विकसित भारत के निर्माण की दिशा में देश के मार्ग की स्पष्ट रूप देखा दी।
मीडिया ने सोनिया गांधी को राष्ट्रपति के सम्बोधन पर प्रतिक्रिया देने को कहा, राहुल गांधी ने इस पर पूछा की वे इस सम्बोधन के बारे में क्या सोचती हैं इस पर वे कहती हैं “वैसे ही”, झूठे वादे”
इसके बाद राहुल गांधी ने पूछा, “नो कमेंट?”
इस पर सोनिया गांधी ने कहा, “नहीं बेचारी महिला, राष्ट्रपति आख़िर तक बहुत थक गई थीं।”
फिर राहुल गांधी ने पूछा, “एक ही बात बार-बार दोहरा रही थीं?” तब सोनिया गांधी ने कहा, “नहीं, वो बहुत मुश्किल से बोल पा रही थीं। ये ठीक नहीं है।”
राष्ट्रपति कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है, “संसद में माननीय राष्ट्रपति के अभिभाषण पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस पार्टी के कुछ बड़े नेताओं ने ऐसी टिप्पणियां की जो स्पष्ट तौर पर इस सर्वोच्च पद की गरिमा को नुकसान पहुंचाते हैं”
“इसलिए ये बयान अस्वीकार्य हैं। इन नेताओं ने ये कहा कि राष्ट्रपति भाषण के अंत में थक गई थीं और वह मुश्किल से बोल पा रही थीं।”
“राष्ट्रपति भवन ये स्पष्ट करना चाहता है कि इस बयान में कोई सच्चाई नहीं है। राष्ट्रपति किसी भी पल थकी नहीं थीं. बल्कि वह हमेशा ये मानती रही हैं कि हाशिये पर रहने वाले समुदायों, महिलाओं और किसानों के लिए बोलना, जैसा कि वह अपने भाषण के दौरान बोल रही थीं, कभी भी थकाने वाला नहीं हो सकता. “
“राष्ट्रपति कार्यालय को लगता है कि इन नेताओं को हिंदी जैसी भारतीय भाषा में इस्तेमाल होने वाले मुहावरों की जानकारी नहीं है, इसलिए उन्होंने गलत तरीके से प्रतिक्रिया दी. कुछ भी हो, इस तरह के बयान बेकार, दुर्भाग्यपूर्ण हैं जिनसे बिल्कुल बचा जा सकता है.”