भारत में कोरोना महामारी का खतरा एक बार फिर बढ़ता हुआ नज़र आ रहा है। शनिवार को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी किए गए आँकड़ों के मुताबिक़ बीते 24 घंटों में कोरोना महामारी के 2,995 नए मामले सामने आए हैं, जबकि कोरोना के सक्रीय मामलों की संख्या 16,000 से भी ज़्यादा है।
कोरोना महामारी से ठीक होने वाले लोगों की संख्या 44171551, जबकि कोरोना महामारी की संक्रमण दर 1.19 प्रतिशत दर्ज के गई है। ऐसा तब है जब भारत में एक ही दिन में कोरोना महामारी के 3,095 नए मामले दर्ज किए गए हैं।
कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच मेदांता अस्पताल के इंस्टीट्यूट ऑफ़ चेस्ट सर्जरी के चेयरमैन डॉ अरविन्द कुमार ने लोगों को मास्क पहनने और सिम्पटम्स होने पर कोरोना टेस्ट कराने की सलाह दी है।
इसके अलावा ऐ एन आई से बात करते हुए डॉ अरविन्द ने कहा है “क्योंकि अब टेस्ट ज़्यादा किए जा रहे हैं इसलिए कोरोना महामारी के मामलों में भी बढ़ोतरी हुई है। लेकिन यहाँ अच्छी बात यह है कि जो नए मामले आ रहे हैं वो ज़्यादा गंभीर नहीं हैं। मरीज़ घर पर रहकर ही ठीक हो सकता है।”
आगे उन्होंने कहा है कि कोरोना माहामारी की दूसरी लहर के समय देश में ऑक्सीजन की कमी हो गई थी और जो मरीज़ अस्पताल में आ रहे थे उन्हें ऑक्सीजन की ज़रूरत थी।
“लेकिन अब परिस्थितियाँ ऐसी नहीं हैं। यह वायरल और नया वेरिएंट हमारे फेफड़ों को ज़्यादा नुकसान नहीं पहुंचा रहा। लेकिन लम्बे समय तक मरीज़ में सूखे कफ की समस्या देखी जा रही है। जो मरीज़ आ रहे हैं उन्हें ऑक्सीजन की ज़रूरत नहीं है। जबकि गंभीर बीमारियों से झूझ रहे मरीज़ों के लिए यह वायरस घातक साबित हो सकता है। उन्हें ज़्यादा सावधान रहने की ज़रूरत है।”
साथ ही डॉ अरविन्द ने यह भी कहा है कि जो मरीज़ पहले से ही फेफड़ों से जुडी महामारी से झूझ रहे हैं उन्हें ज़्यादा सावधान रहने की ज़रूरत है।
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