दिवाली से पहले ही दिल्ली- NCR की हवा हुई खराब

दिवाली से पहले ही दिल्ली- NCR की हवा हुई खराब
Image Caption : MNS

दिल्ली में ठंड (Cold) की दस्तक के साथ ही वायु की गुणवत्ता (Air Quality) बिगड़ने लगी है. दिवाली
(Diwali) से पहले तापमान में तो स्थिरता है लेकिन बढ़ते प्रदूषण (Air Pollution) का संकट गहराता जा रहा
है. दिल्ली के कई इलाकों की हवा में प्रदूषण का स्तर खराब श्रेणी में पहुंच गया है. रविवार को वायु
गुणवत्ता का स्तर कई जगहों पर बेहद खराब श्रेणी (Very Poor Category) में पहुंच गया. दिल्ली के कई
इलाकों में वायु सूंचकांक यानी एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) तेजी से बढ़ रहा है. रविवार को आनंद विहार
में हवा सबसे प्रदूषित रही. आनंद विहार में वायु गुणवत्ता सूचकांक 399 तक पहुंच गया. वहीं, वजीरपुर,
पूसा रोड, बवाना, ओखला, नरेला और आईटीओ में भी वायु सूचकांक 200 के आसपास रहा. सोमवार
सुबह 10 बजे के करीब भी दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट इलाके में वायु सूचकांक 242 दर्ज किया गया
है, जो खराब श्रेणी में आता है.

बता दें कि दिल्ली-एनसीआर में हर साल अक्टूबर महीने में प्रदूषण बढ़ने लगता है. इसी को देखते हुए
बीते कुछ सालों से दिल्ली-एनसीआर में ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान यानी ग्रैप (GRAP) के पहले चरण
को लागू कर दिया जाता है. इस साल भी एक अक्टूबर से ग्रैप को लागू कर दिया गया है. राजधानी में
वायु गुणवत्ता प्रबंधन (सीएक्यूएम) आयोग ने वायु प्रदूषण नियंत्रण के मानकों आधार पर 491 स्थलों पर
निर्माण और विध्वंस कार्य बंद करने का निर्देश जारी किया है, जिनमें 110 स्थल अकेले दिल्ली में हैं.
जबकि, हरियाणा में 118, उत्तर प्रदेश में 211 और राजस्थान में 52 स्थल शामिल हैं.

दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का लेवलसफर इंडिया के मुताबिक, दिल्ली-एनसीआर में हवा की गति कम
होने के कारण अगले तीन दिनों तक एयर क्वालिटी इंडेक्स खराब श्रेणी में निचले स्तर पर रहने की
संभावना है. गाजियाबाद, फरीदाबाद और गुरुग्राम में भी वायु की गुणवत्ता खराब श्रेणी में पहुंच गया है.
गुरुग्राम में तो पिछले दो दिनों से वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ गया है. बीते दों दो दिनों से वायु प्रदूषण
पीएम 2.5 का स्तर सामान्य से की कई गुणा अधिक दर्ज हो रहा है. गुरुग्राम में सोमवार सुबह 8 बजे
के करीब पीएम 2.5 का स्तर 305 दर्ज किया गया, जबकि रविवार को पीएम 2.5 का स्तर 307 दर्ज
किया गया था.

ग्रैप लागू होने के बाद स्थिति संभल नहीं रही हैआपको बता दें कि जब भी पीएम 2.5 का स्तर 50 से
अधिक दर्ज होता है तो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक माना जाता है. खासकर दमा मरीजों के लिए यह
हवा नुकसानदायक होती है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक, 0 से 50 के बीच वायु सूचकांक
यानी एक्यूआई का लेवल अच्छा, 51 से 100 के बीच संतोषजनक, 101 से 200 के बीच मध्यम, 201
से 300 के बीच खराब, 301 से 400 के बीच बहुत खराब और 401 से 500 के बीच AQI गंभीर माना
जाता है.

दिल्ली-एनसीआर के वायु गुणवत्ता सूचकांक को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और निकटवर्ती
क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने केन्द्र और एनसीआर की राज्य सरकारों की सभी
कार्यान्वयन एजेंसियों को ग्रैप के चरण-I के तहत कार्रवाई को सख्ती से लागू करने का निर्देश दिया गया
है. सीएक्यूएम ने नागरिकों से भी नागरिक चार्टर के विभिन्न चरणों के पालन में सहयोग करने और क्षेत्र
में समग्र वायु गुणवत्ता को बेहतर करने लिए ग्राप उपायों के प्रभावी कार्यान्वयन में सहायता करने का
आग्रह किया है. दिल्ली की वायु गुणवत्ता 5 अक्टूबर 2022 को गिरकर “खराब” श्रेणी में पहुंच गई थी.

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