वर्ष 2021 का गांधी शांति पुरस्कार गीता प्रेस, गोरखपुर को प्रदान किया जा रहा है। पीआईबी के अनुसार, “माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में निर्णायक मंडल ने 18 जून, 2023 को विचार-विमर्श के पश्चात सर्वसम्मति से वर्ष 2021 के गांधी शांति पुरस्कार के लिए गीता प्रेस, गोरखपुर का चयन किया है। यह पुरस्कार गीता प्रेस, गोरखपुर को अहिंसक और अन्य गांधीवादी आदर्शों के माध्यम से सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक क्षेत्र में परिवर्तन लाने में उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया जा रहा है।”
“वर्ष 1923 में स्थापित गीता प्रेस विश्व में सबसे बड़े प्रकाशकों में से एक है। इसने 14 भाषाओं में 41.7 करोड़ पुस्तकों का प्रकाशन किया है, जिनमें 16.21 करोड़ श्रीमद भगवद गीता पुस्तकें शामिल हैं। इस संस्था ने राजस्व सृजन के लिए कभी भी अपने प्रकाशनों के लिए विज्ञापन नहीं लिए। गीता प्रेस अपने संबद्ध संगठनों के साथ जीवन के उत्तरोत्तर विकास और सर्वजन-कल्याण के लिए प्रयासरत है।”
क्या है गाँधी शांति पुरस्कार?
गांधी शांति पुरस्कार भारत सरकार द्वारा स्थापित एक वार्षिक पुरस्कार है। वर्ष 1995 में गांधीजी की 125वीं जयंती के अवसर पर उनके आदर्शों के प्रति श्रद्धांजलि स्वरूप इस पुरस्कार की स्थापना की गई थी।
सर्वप्रथम वर्ष 1995 में यह पुरस्कार जूलियस कंबारेज न्येरेरे को दिया गया था। जूलियस कंबारेज न्येरेरे एक तंजानिया उपनिवेश विरोधी कार्यकर्ता, राजनीतिज्ञ और राजनीतिक सिद्धांतकार थे। 2014 में यह पुरस्कार ‘इसरो’ को दिया जा चूका है। पिछले वर्ष इस पुरस्कार से ‘शेख़ मुजीबुर्रहमान’ को अलंकृत किया गया था।
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