चीतों का बढ़ता कुनबा – Growing clan of cheetahs 

hAFUBAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAALwGsYoAAaRlbhAAAAAASUVORK5CYII= चीतों का बढ़ता कुनबा - Growing clan of cheetahs 

चीता परियोजना केंद्र सरकार की एक महत्त्वाकांक्षी योजना है। दो वर्ष पहले नामीबिया से आठ चीते लाकर मध्यप्रदेश के कूनो उद्यान में छोड़े गए थे। इस तरह करीब अस्सी वर्ष बाद फिर से चीतों को बसाने की पहल शुरू हुई थी। इसी क्रम को आगे बढ़ाते हुए केंद्र सरकार ने केन्या से चीते मंगाने के लिए केन्या सरकार के साथ प्रोजेक्ट पर हस्ताक्षर किये हैं।

परवान चढ़ती उम्मीदें – Rising expectations  

तब काफी आशंकाएं जताई गई थी कि भारत की जलवायु चीतों के अनुकूल नहीं है और शायद वे ज्यादा दिन जीवित नहीं रह पाएंगे। मगर अब वे आशंकाएं काफी हद तक निर्मूल हो चुकी हैं। उसके एक वर्ष बाद दक्षिण अफ्रीका से बारह चीते मंगाए गए थे। हालांकि इस बीच आठ चीतों ने दम तोड़ दिया, पर बचे हुए चीतों ने सत्रह शावकों को जन्म दिया, जिनमें से बारह जीवित हैं। स्वाभाविक ही इससे उत्साहित होकर सरकार ने अब केन्या से चीते लाने का समझौता किया है। भारत ने इसे अंतिम रूप दे दिया है और केन्या प्रशासन से इस पर मंजूरी का इंतजार है। केन्या से लाए जाने वाले चीतों को गुजरात के बन्नी घास के मैदानों में बन रहे प्रजनन केंद्र में बसाने की योजना है।

इससे पहले भी हो चुके हैं प्रयास – Efforts have been made before this also –

ऐसा नहीं कि चीतों को बसाने की कोशिश इससे पहले नहीं हुई। अंग्रेजों के शासन में भी इसके प्रयास हुए, मगर यहां की जलवायु और शिकारियों पर अंकुश न लग पाने की वजह से चीतों का कुनबा बढ़ नहीं पाया। अच्छी बात है कि अब कूनो उद्यान में चीतों का परिवार बढ़ रहा है। उनकी संख्या पच्चीस हो गई है। हालांकि योजना थी, चीतों को कूनो में स्वतंत्र विचरण के लिए छोड़ा जाना था, मगर उनमें बीमारियों और शिकारियों आदि के भय से उन्हें अभी तक पिंजरों में ही कैद रखा गया है। उनमें से केवल एक चीता बाहर है। 

पिंजरे में रखे गए हैं सभी चीते – All cheetahs are kept in cages  

दरअसल, कूनो उद्यान के चीतों में कई बार बीमारियों का प्रकोप देखा गया है, इसलिए उन्हें सुरक्षित वातावरण में रखा जाता है। पर इस तरह अभयारण्य और चिड़ियाघर में अंतर नहीं रह जाता। गुजरात के नए बन रहे प्रजनन केंद्र में भी अगर उन्हें पिंजरे में रखना पड़ा, तो उनके स्वाभाविक जीवन को लेकर दावा करना मुश्किल होगा। यह अपेक्षा अभी पूरी नहीं हुई है कि चीते खुले में कुलांचें भरेंगे और लोग अपनी स्वाभाविक जीवन शैली में देख सकेंगे।

भारत में चीते कहां लाये गए हैं?

कूनो नेशनल पार्क (मध्य प्रदेश)

सबसे ज्यादा चीते किस देश से लाये गए हैं?

दक्षिण अफ्रीका (12 चीते)

केन्या से कितने चीते भारत आने की सम्भावना है?

प्रोजेक्ट चीता के तहत अफ्रीकी देशों से प्रतिवर्ष 12-14 चीते

केन्या की राजधानी क्या है?

नेरोबी

यदि आपको हमारा यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर करना ना भूलें और अपने किसी भी तरह के विचारों को साझा करने के लिए कमेंट सेक्शन में कमेंट करें।

UltranewsTv देशहित

यदि आपको हमारा यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर करना ना भूलें | देश-दुनिया, राजनीति, खेल, मनोरंजन, धर्म, लाइफस्टाइल से जुड़ी हर खबर सबसे पहले जानने के लिए UltranewsTv वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें।
pCWsAAAAASUVORK5CYII= परमवीर चक्र : मातृभूमि के लिए सर्वोच्च समर्पण

परमवीर चक्र : मातृभूमि के लिए सर्वोच्च समर्पण

भारत के राष्ट्रपति | President of India

भारत के राष्ट्रपति : संवैधानिक प्रमुख 

pCWsAAAAASUVORK5CYII= भारत के प्रधानमंत्री - Prime Minister of India

भारत के प्रधानमंत्री – Prime Minister of India

Total
0
Shares
Leave a Reply
Previous Post
देश का नाम बदलने की जटिल प्रक्रिया - Complicated process of changing the name of the country

देश का नाम बदलने की जटिल प्रक्रिया – Complicated process of changing the name of the country

Next Post
जन्मदिन विशेष: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी - Primeminister Narendra Modi

जन्मदिन विशेष: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी – Primeminister Narendra Modi

Related Posts
Total
0
Share