45 दिन में कमाए 23 लाख…मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, ‘हम सबका साथ, सबका विकास की बात करते हैं। 45 दिनों के आयोजन ने भारत की विरासत और विकास की एक अनुपम छाप न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया में छोड़ी है। इस कार्यक्रम के सफल आयोजन की गूंज दुनिया में लंबे समय तक सुनाई देगी। ये हमारे सनातन धर्म के लिए गौरव की बात है।
सदन को संबोधित करते हुए सीएम योगी ने कहा, ‘आपने कहा हम सांप्रदायिक हैं, बताइए हम कहां से सांप्रदायिक हैं. हमारा तो आदर्श है सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे संतु निरामया और उसका सबसे आदर्श उदाहरण महाकुंभ का आयोजन है. महाकुंभ में भारत के विकास और विरासत की छाप दिखाई दी। क्या कुंभ में किसी के साथ भेदभाव हुआ, किसी के साथ न जाती का, न क्षेत्र का, न मत और न ही मजहब का भेदभाव हुआ।’
‘हमने बस वही मांगा जो हमारा था’
उन्होंने कहा, ‘संभल में 56 वर्षों में शिव मंदिर में जलाभिषेक का कार्यक्रम भी हो रहा था. अकेले संभल में 68 तीर्थ और 19 कूप भी थे, जिनको एक शरारत के तहत एक निश्चित समय के अंदर खत्म कर दिया गया. 68 तीर्थों में 54 तीर्थों को ढूंढ़ना ये तो हमारी विरासत का हिस्सा है, हमने तो वही किया, हमने तो वही कहा है जो हमारा है वो हमें मिल जाना चाहिए. हम उसके इतर कहीं नहीं जा रहे हैं.’
’66 करोड़ लोग कुंभ करके सुरक्षित लौटे’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘महाकुंभ में दुनिया भर से संत समाज आए। महाकुंभ में छेड़खानी की कोई घटना नहीं हुई। महाकुंभ में जो आया अभिभूत हुआ। महाकुंभ हमारे लिए अग्निपरीक्षा थी। कुंभ में लूट, हत्या की कोई घटना नहीं हुई। 66 करोड़ लोग कुंभ करके सुरक्षित लौट। महाकुंभ में 33 करोड़ महिलाएं आईं, लेकिन अपराध की एक भी घटना नहीं हुई।’