सूबे में मानसून की बारिश कमोबेश अक्टूबर मध्य तक जारी रहेगी। मौसमी परिस्थितियां जिस तरह का संकेत दे
रही हैं कि उसके अनुसार अक्टूबर मध्य तक पूर्वोतर भाग में मानसूनी गतिविधियां जारी रहेंगी। दरअसल अभी देश
के किसी भी हिस्से से मानसून के लौटने के संकेत नहीं हैं। मौसम विज्ञान विभाग ने हाल ही में सितंबर में देशभर
में सामान्य से अधिक बारिश का पूर्वानुमान किया है। केवल पूर्वोतर और उत्तर पश्चिमी भाग में सामान्य या इससे
से कम बारिश का पूर्वानुमान है। ऐसे में पूरे सितंबर तक बारिश की स्थिति बने रहने के आसार है।
सूबे में इस बार भी मानसून की बारिश से जुड़ी गतिविधि कमोबेश 15 अक्टूबर तक जारी रह सकती है। पिछले साल
20 अक्टूबर के आसपास बिहार में मानसून की आखिरी बारिश हुई थी। अब भी नेपाल की तराई क्षेत्र में कुछ जगहों
पर भारी बारिश की स्थिति बनी हुई है। देश में मानसून के लौटने की प्रक्रिया राजस्थान की ओर से शुरू होती है
और देश के अन्य हिस्सों से मानसून की पूरी तरह वापसी की प्रक्रिया में 20-25 दिन का समय लग जाता है।
इसके बाद दस से 15 दिनों का संक्रमण काल होता है और फिर ठंड की दस्तक होती है। इस गणना से अक्टूबर
मध्य तक मानसून की विदाई के आसार हैं और नवंबर मध्य तक ठंड के आगमन के संकेत मिल रहे हैं। मौसमविद
बताते हैं मानसून की विदाई के कुछ दिनों बाद तक बारिश की वजह से वातावरण में नमी की मौजूदगी रहती है।
नमी की उपलब्धता रहने पर ठंड का आगमन देर से होता है। इस अनुसार चूंकि बरसात के मौसम के जाने में देरी
हो रही है परिणाम इस साल भी ठंड का आगमन सूबे में देरी से होगा। मौसमविदों का यह भी अनुमान है कि देर
से आने पर ठंड देर तक टिकेगा भी। यानी फिर से फरवरी के अंत तक ठंड की स्थिति बनी रह सकती है। पिछले
साल भी ला नीना की वजह से यही स्थिति बनी थी।
वर्ष बारिश हुई स्थिति
2017 936.9 मिमी सात प्रतिशत कमी
2018 771. मिमी 24 प्रतिशत कमी
2019 1050 मिमी तीन प्रतिशत ज्यादा
2020 1272.3 मिमी 25 प्रतिशत ज्यादा
2021 1044 मिमी तीन प्रतिशत ज्यादा
2022 (अबतक) 503.5 मिमी 37 फीसद की