दिल्ली सरकार की ओर से शुरू की जाने वाली प्रीमियम बस सेवा का किराया उसके संचालक खुद तय करेंगे. यही
नहीं उसकी संचालन की रूट भी वही तय करेंगे. हालांकि, वह सरकार की ओर से तय बस क्यू शेल्टर पर ही रुकेंगे.
वही इस योजना के चलते, चलने वाली सभी बसों को पार्किंग का रूप भी दिखाना होगा. दरअसल, दिल्ली परिवहन
विभाग ने प्रीमियम बस सेवा शुरू करने की तैयारी तेज कर दी है. अब इस पर जनता से सवाल और आपत्ति मांगी
गई है. प्रीमियम बस नीति परिवहन विभाग की वेबसाइट transport.delhi.gov.in पर उपलब्ध है. जिस पर लोग
8 सितंबर तक अपने सुझाव और आपत्ति भेज सकेंगे.
परिवहन विभाग की ओर से प्रीमियम बस को लेकर जारी फाइनल ड्राफ्ट गाइडलाइन के मुताबिक प्रीमियम बस
योजना के तहत न्यूनतम 12 सीट से अधिक क्षमता वाले बसों को ही चलने की मंजूरी मिलेगी. बसों का परिचालन
नीचे संचालन करेंगे. लाइसेंस उन्हें ही मिलेगा जिसके पास में उत्तम 50 बसें होंगी लाइसेंस मिलने के 90 दिनों के
भीतर 50 बसों के साथ परिचालन शुरू करना होगा. नीति के मुताबिक संचालन को यह अधिकार होगा कि वह
अपने बस रूट खुद ही तय करेंगे रूट के साथ उसका किराया भी तय करेंगे अधिकतर निजी संचालक के पास होगा.
सरकार की ओर से उसमें न्यूनतम या अधिकतम का कोई कैप लगाने का प्रावधान फ़िलहाल नहीं है. बस के
यात्रियों को रूट और उसके किराए की जानकारी पहले वेबसाइट या मोबाइल एप पर देनी होगी. प्रीमियम बस सेवा
के अंदर सभी सीट की बुकिंग ऑनलाइन होगी खड़े होकर यात्रा करने की मंजूरी नहीं दी जाएगी. अगर एक बार
यात्री ने अपना टिकट बुक कर लिया है और किसी कारणवश वह बस में नहीं आई. तो निजी संचालक की
जिम्मेदारी होगी कि उसे समय पर उसकी जानकारी उपलब्ध करवाएं.