मोदी सरकार ने केंद्र शासित प्रदेश अंडमान निकोबार को राजधानी पोर्ट ब्लेयर का नाम 234 सालों बाद बदलकर अब 'श्री विजयपुरम' कर दिया है। इसकी जानकारी देते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, 'श्री विजयपुरम' नाम स्वाधीनता के संघर्ष और इसमें अंडमान व निकोबार के योगदान को दर्शाता है।
चौल साम्राज्य में नौसेना अड्डे की भूमिका अदा करने वाला यह द्वीप आज देश की सुरक्षा और विकास को गति देने के लिए तैयार है। यह द्वीप नेताजी सुभाष चंद्र बोस जी द्वारा सबसे पहले तिरंगा फहराने से लेकर सेलुलर जेल में वीर सावरकर व अन्य स्वतंत्रता सेनानियों के द्वारा मां भारती की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष का स्थान भी है।
श्रीविजय एक साम्राज्य का प्राचीन नाम था जिसका आधार सुमात्रा में था, जिसका प्रभाव पूरे दक्षिण पूर्व एशिया में था। यह बौद्ध धर्म के विस्तार में भी सहायक था। माना जाता है कि चोलों द्वारा इसके बंदरगाहों पर कई नौसैनिक हमलों के बाद 11वीं शताब्दी ई. के आसपास इस साम्राज्य का पतन हो गया था।
इस फैसले को लेकर केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, ‘देश को गुलामी के सभी प्रतीकों से मुक्ति दिलाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संकल्प से प्रेरित होकर गृह मंत्रालय ने आज पोर्ट ब्लेयर का नाम श्री विजयपुरम करने का निर्णय लिया है। श्री विजयपुरम नाम हमारे स्वाधीनता के संघर्ष और इसमें अंडमान और निकोबार के योगदान को दर्शाता है।
इस भारतीय द्वीप पर अंग्रेजों के कब्जे में लेने के बाद 1788 एडी में अंडमान सागर का सर्वे करने के लिए ईस्ट इंडिया कंपनी ने ले.अर्कोबाल्ड ब्लेयर को भेजा था। वह वर्ष 1789 में इस द्वीप पर पहुंचे और लाव-लश्कर के साथ यहीं रहने लगे। तब उन्होंने इस द्वीप का नाम तत्कालीन गवर्नर जनरल लार्ड कार्नवालिस के नाम पर रखा था लेकिन बाद में इस बंदरगाह द्वीप का नाम ब्लेयर के नाम पर ही 'पोर्ट ब्लेयर' पड़ गया। बंगाल की खाड़ी में स्थित अंडमान निकोबार में कुल 836 द्वीप समूह हैं।