तमिलनाडु और केंद्र के बीच भाषा को लेकर विवाद हो रहा है। सीएम स्टालिन आरोप लगा रहे हैं कि नई भाषा नीति के जरिए उन पर हिंदी थोपी जा रही है। इस बीच आरएसएस नेता भैयाजी जोशी ने बड़ा बयान दिया है। भैयाजी ने ठाणे में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि मुंबई की कोई एक भाषा नहीं है। मुंबई के अलग-अलग भागों में अलग-अलग भाषा बोली जाती है। घाटकोपर परिसर के लोग गुजराती बोलते हैं, गिरगांव में हिंदी बोलने वाले कम मिलेंगे, वहां लोग मराठी बोलते हैं। इसलिए मुंबई आने वालों को मराठी भाषा सीखनी चाहिए ऐसा नहीं है।
अब उनके बयान पर शिवसेना उद्धव गुट के नेता संजय राउत ने निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि जैसा संघ के वरिष्ठ नेता ने कहा है क्या वह ये बातें योगी जी के सामने लखनऊ में जाकर कह सकते हैं क्या? राउत ने कहा कि वे कल मुंबई में आकर बोले कि मुंबई की भाषा मराठी नहीं है। यहां कोई भी आकर बिना मराठी के रह सकते हैं, काम कर सकते हैं। राउत ने कहा कि आपको बयान देने का अधिकार किसने दिया?
राउत ने संघ के नेता को दी चुनौती
शिवसेना सांसद ने तंज कसते हुए कहा आप कोलकाता में जाकर बोल सकते हैं क्या कि कलकत्ता की भाषा बंगाली नहीं है? क्या आप कोच्चि और त्रिवेंद्रम में जाकर बोल सकते हैं कि केरल की भाषा मलयालम नहीं है। क्या आप पटना जाकर नीतीश जी के सामने बोल सकते हैं कि पटना की भाषा हिंदी नहीं हैं, आप चेन्नई में जाकर कह सकते हैं क्या कि यहां की भाषा तमिल और तेलुगु नहीं है?