आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान को बाढ़ ने भारी चोट पहुंचाई है. पाकिस्तान में बाढ़ प्रभावित इलाकों में कई
तरह की बीमारियां भी फैलती जा रही है. विशेषज्ञों की मानें तो यहां 50 लाख लोग बीमार पड़ सकते हैं ऐसे में देश
भर में दवाइयों का भी गंभीर संकट पैदा होता जा रहा है.
बीमारियों पर लगाम लगाने के लिए एक अरब रुपए की दवाइयों की जरूरत महसूस की जा रही है. कई
अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों और संगठनों ने पाकिस्तान में बाढ़ के बाद बीमारियों के फैलने का खतरा जताया जा रहा है.
स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा जारी एक रिपोर्ट में बताया गया है कि सबसे ज्यादा प्रभावित प्रांतों में से एक सिंध में
पिछले चौबीस घंटों में डायरिया के 90 हजार से ज्यादा मामले सामने आए हैं. बाढ़ प्रभावित जिलों में 888 स्वास्थ्य
केंद्र क्षतिग्रस्त हो चुके हैं वही 180 स्वास्थ्य केंद्र पूरी तरह से तबाह हो गए. रिपोर्ट के अनुसार अभी तक बाढ़ के
चलते 416 बच्चों की मौत भी हो चुकी है. इन संख्या को मिलाकर 128 लोग मारे जा चुके हैं. वहीं 64 लाख लोग
बेघर हो गए हैं.
पाकिस्तान में अगस्त में मुद्रास्फीति के रिकॉर्ड 27% पर पहुंचने और खाद्य वस्तुओं की कीमतों में उछाल से देश
में विरोध प्रदर्शनों का सिलसिला शुरू हो सकता है. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने चेतावनी दी गई है कि देश में
मुद्रास्फीति को आंकने वाले उपभोक्ताओं मूल्य सूचकांक अगस्त में 27 फ़ीसदी पर पहुंच गया है. 1975 के बाद
महंगाई दर पहली बार इतनी ऊंचाई पर पहुंची है. नकदी संकट से जूझ रहे देश में यह स्थिति तब है जब खाद्य
पदार्थों और अन्य वस्तुओं की कीमतों पर भीषण बाढ़ के प्रभाव का अध्ययन किया जाना बाकी है.