केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन से बात की और वायनाड में बड़े पैमाने पर भूस्खलन के बाद स्थिति का जायजा लिया।
राज्यसभा में उठाया गया मुद्दा - Issue raised in Rajya Sabha
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को राज्यसभा में वायनाड भूस्खलन त्रासदी पर बोलते हुए कहा कि केरल सरकार को वायनाड में संभावित प्राकृतिक आपदा के बारे में 23 जुलाई को ही चेतावनी दी गई थी। केरल सरकार ने शुरुआती चेतावनी पर ध्यान नहीं दिया और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की बटालियनों के आने पर भी सतर्क नहीं हुई। उन्होंने सदन को भरोसा दिलाया कि मोदी सरकार इस त्रासदी की घड़ी में केरल सरकार और राज्य के लोगों के साथ "चट्टान" की तरह खड़ी है। शाह ने केंद्र सरकार की ओर से हरसंभव मदद का वादा भी किया।
क्या था मामला - what was the matter
केरल में सबसे भीषण प्राकृतिक आपदाओं में से एक, मंगलवार को वायनाड में मूसलाधार बारिश के कारण हुए बड़े पैमाने पर भूस्खलन में 170 से अधिक लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए। सैकड़ों लोग अभी भी मलबे में फंसे हुए हैं, जिससे मौतों की संख्या बढ़ने की आशंका है। सेना और एनडीआरएफ सहित बचाव एजेंसियों ने बचाव अभियान फिर से शुरू कर दिया है।
क्या है केंद्र सरकार का कहना - What does the central government say?
गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को कहा कि केरल में भारी बारिश की चेतावनी राज्य सरकार को वायनाड में हुए घातक भूस्खलन से कम से कम एक सप्ताह पहले ही दे दी गई थी। इस भूस्खलन से मौत और तबाही का मंजर देखने को मिला है। लोकसभा में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि केंद्र ने 23 जुलाई को राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की आठ टीमें भेजी थीं, ताकि किसी भी आपदा की स्थिति में केरल सरकार की मदद की जा सके। गृह मंत्री ने कहा, "जब वायनाड में भूस्खलन हुआ, तो एनडीआरएफ की टीमों को कलेक्टर से हरी झंडी मिल गई और तुरंत राहत अभियान शुरू कर दिया गया।"
केरल के मुख्यमंत्री ने किया दावे का खंडन - Kerala Chief Minister refuted the claim
केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के इस दावे का खंडन किया कि राज्य सरकार को भारी बारिश के कारण वायनाड में संभावित प्राकृतिक आपदा के बारे में 23 जुलाई को ही चेतावनी दे दी गई थी। विजयन ने कहा कि भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने भूस्खलन से पहले जिले में केवल ऑरेंज अलर्ट जारी किया था। हालांकि, जिले में 500 मिलीमीटर से अधिक बारिश हुई, जो IMD द्वारा पूर्वानुमानित की तुलना में बहुत अधिक थी।