ब्रिटिश सरकार से किस-किस ने ऊंचाई कोहिनूर लौटाने की मांग, कोहिनूर वापसी की कितनी है संभावना

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financialexpress

यह जानना बेहद अहम हो जाता है कि आखिरकार कौन-कौन हीरे कोहिनूर की मांग कर चुका है? भारत में मिलाने
की अब तक क्या कोशिश हुई है? मोदी सरकार ने कोहिनूर को लेकर क्या बातें कहीं हैं? इसके अलावा ब्रिटेन
महारानी के ताज के इस रत्न के लौट आने की कितनी संभावनाएं हैं?

ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ 2 के निधन के बाद जहां ज्यादातर पश्चिम देशों में शोक मनाया जा रहा है. तो वहीं
अफ्रीका और भारत में ब्रिटिश राजघराने और ईस्ट इंडिया कंपनी के काले इतिहास को लेकर चर्चाएं भी काफी जोरों
शोरों पर है. ब्रिटेन की महारानी के निधन के बाद सबसे ताजा बहस राजघराने के ताज को लेकर छिड़ी हुई है.
जिसमें अफ्रिका से लेकर भारत तक कि कई रत्न जड़े हैं. इनमें सबसे खास है कोहिनूर जिसे भारत से ब्रिटेन ले
जाया गया था. वहीं अन्य हीरो में अफ्रीका का द ग्रेट स्टार और सेकंड स्टार ऑफ अफ्रीका शामिल है.

बीते एक लेखक ऑनलाइन वेबसाइट में कोहिनूर को भारत वापस लौटाने की जंग छिड़ी हुई. 105 कैरेट का कोहिनूर
हीरा दुनिया के सबसे बड़े कट डायमंड में से एक है. जिसे भारत में यह हीरा हजारों साल पहले पाया गया था और
कई राज्यों के हाथ से होते हुए यह ब्रिटिश साम्राज्य के पास पहुंच गया. मजेदार बात यह है कि कोहिनूर को हटाने
की मांग भारत ही नहीं करता बल्कि पाकिस्तान ईरान और अफगानिस्तान भी इस पर दावेदारी ठोंक चुके हैं. ऐसे
भी आ जाना है हम हो जाता है कि आखिर कार कोहिनूर हीरे की मांग अब तक कौन-कौन से देश भर चुके हैं?
क्या भारत में से लाने की अब दोबारा कोशिश की जा रही है? मोदी सरकार ने कोहिनूर को लेकर क्या बातें कही
है? इसके अलावा ब्रिटिश महारानी के ताज के रत्न के लौटने की कितनी संभावनाएं हैं?

भारत के किस गड़ में था कोहिनूर?

भारत में सिर्फ सोशल मीडिया पर ही कोहिनूर को लौटाने की मांग नहीं छिड़ी हुई है. बल्कि इसे लेकर ऑनलाइन
याचिकाएं भी दायर की जा रही है. इसके अलावा कुछ संस्थानों ने सीधे सरकार से अपील किया कि कोहिनूर लौट
आने के लिए ब्रिटेन से सीधा संपर्क करें. इसमें पहला नाम आता है उड़ीसा की एक सामाजिक सांस्कृतिक संस्था श्री
जगन्नाथ सेना का पूरी के इस संस्था ने दावा किया है कि कोहिनूर का भगवान जगन्नाथ का अधिकार है. इस
संस्थान में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से अपील की गई है कि वह कोहिनूर को पूरी तरह मंदिर में लाने की मदद करें.
इस मांग को लेकर राष्ट्रपति का एक ज्ञापन भी सौंपा जा चुका है.

राजनीति का रुख

ऐसा बिल्कुल नहीं है कि कोई भारत वापस लाने की मांग सिर्फ सोशल मीडिया और ऑनलाइन याचिकाओं तक ही
सीमित है. बल्कि भारत सरकार भी इस और कई बार प्रयास कर चुके हैं. भारत ने पहली बार कोहिनूर के लिए
1947 में आजादी मिलने के बाद ही सौंपने की मांग की थी .सरकार की ओर से दूसरी बार 1953 में कोहिनूर
लौटाने की मांग की इसी साल एलिजाबेथ सेकंड को राजगद्दी सौंपी गई थी. हालांकि हर बार ब्रिटेन की सरकार ने
भारत की मांग ठुकरा दी है.

साल 2000 में भारत की तरफ से एक बार फिर ब्रिटेन से कोई न लौटाने की मांग की गई थी. जिसके बाद संसद
के कुछ सदस्यों ने इस हीरे को लौटाने के लिए ब्रिटिश सरकार को चिट्ठी भी लिखी. हालांकि ब्रिटिश सरकार ने
साफ कर दिया है कि कोहिनूर के कई दावेदार हैं. ऐसे में हीरे प्लीज सही मालिक का पता नहीं लगाया जा सकता.
ब्रिटेन ने कहा कि कोहिनूर 150 साल से भारत के संस्कृति मंत्रालय ने कहा था कि यह कोहिनूर को भारत लाने के
लिए हर संभव कोशिश जारी रखेंगे.

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