द्रौपदी मुर्मू – Draupadi Murmu : जन्मदिन विशेष
आज 20 जून को देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का जन्म-दिवस है। वे 65 वर्ष की हो गयीं हैं। वह देश की राष्ट्रपति बनने वाली पहली आदिवासी और दूसरी महिला हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति मुर्मू को उनके जन्मदिन के उपलक्ष पर बधाई दी है।
राष्ट्राध्यक्ष द्रौपदी मुर्मू के जन्मदिन पर आईये जानते हैं उनके जीवन से जुडी कुछ बातें..
आरम्भिक जीवन व शिक्षा
- उनका का जन्म 20 जून, 1958 को हुआ था।
- उनका जन्म ओड़िशा के मयूरभंज जिले के बैदापोसी गांव में एक संथाल परिवार में हुआ था।
- परिवार ने उसका नाम ‘पुति टुडू’ रखा। हालाँकि बाद में, उनके स्कूल टीचर ने उसका नाम बदलकर ‘द्रौपदी’ रख दिया।
- उनके पिता बिरंची नारायण टुडू एक किसान थे।
- प्रारंभिक शिक्षा मुर्मू ने उपरबेड़ा के स्थानीय प्राथमिक विद्यालय से प्राप्त की।
- उन्होंने माध्यमिक शिक्षा बालिका उच्च विद्यालय इकाई-2 से पूरी की।
- तत्पश्चात, उन्होंने रमा देवी महिला महाविद्यालय से बी.ए. की पढाई पूर्ण की।
व्यावसायिक जीवन
- 1979 से 1983 तक, द्रौपदी मुर्मू ने ओडिशा सरकार के सिंचाई विभाग में एक कनिष्ठ सहायक के रूप में काम किया।
- 1994 से 1997 तक, उन्होंने रायरंगपुर में स्कूल श्री अरबिंदो इंटीग्रल एजुकेशन एंड रिसर्च सेंटर में अध्यापन कार्य किया, जहाँ वे हिंदी, ओडिया, गणित और भूगोल की शिक्षिका थीं।
विवाह व परिवार
- उन्होंने सन् 1980 में श्याम चरण मुर्मू से विवाह किया जो की एक बैंकर थे।
- उनके दो बेटे और एक बेटी थी। दुर्भाग्यवश दोनों बेटों और उनके पति, तीनों की अलग-अलग समय पर अकाल मृत्यु हो गयी।
- वर्तमान में उनकी पुत्री विवाहिता हैं और भुवनेश्वर में रहतीं हैं।
- वह ‘ब्रह्माकुमारी’ के आध्यात्मिक पथ की अनुयायी हैं।
राजनितिक यात्रा
- 1997 में, द्रौपदी मुर्मू निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में रायरंगपुर नगर पंचायत की पार्षद चुनी गईं।
- द्रौपदी मुर्मू ओडिशा के मयूरभंज जिले की रायरंगपुर सीट से 2000 और 2009 में भाजपा के टिकट पर दो बार चुनाव जीतकर विधायक बनीं।
- 2007 में, उन्हें ओडिशा विधान सभा के सर्वश्रेष्ठ विधायक के लिए नीलकंठ पुरस्कार मिला।
- नवीन पटनायक के बीजू जनता दल और भाजपा गठबंधन की सरकार में द्रौपदी मुर्मू ने वर्ष 2000 और वर्ष 2004 के बीच वाणिज्य, परिवहन और मत्स्य एवं पशु संसाधन विभाग में बतौर मंत्री कार्य किया।
- उन्होंने भाजपा के अनुसूचित जनजाति मोर्चा के उपाध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया।
- 18 मई, 2015 से 12 July, 2021 तक वे झारखण्ड के गवर्नर पद पर रहीं।
- 25 जुलाई, 2022 से द्रौपदी मुर्मू भारत के राष्ट्रपति का पदभर संभाल रहीं हैं। मुर्मू भारत की आजादी के बाद पैदा होने वाली पहली राष्ट्रपति हैं।