कल्पना चावला – Kalpana Chawla

a woman in an orange space suit

कल्पना चावला एक भारतीय अमरीकी अंतरिक्ष यात्री और अंतरिक्ष शटल विशेषज्ञ थी और वे अंतरिक्ष में जाने वाली प्रांतहां भारतीय महिला थी। वे कोलंबिया अन्तरिक्ष यान आपदा में मारे गए सात यात्री दल सदस्यों में से एक थीं।

जन्म17 मार्च 1962
पेशाअंतरिक्ष यात्री, यांत्रिक इंजीनियर, रॉकेट वैज्ञानिक
पुरस्कार काँग्रेशनल अंतरिक्ष पदक के सम्मान
नासा अंतरिक्ष उड़ान पदक
नासा विशिष्ट सेवा पदक
मिशनएसटीएस-87, एसटीएस-107
अंतरिक्ष में बिताया समय31दि 14घं 54 मि
मृत्यु1 फरवरी 2003 (आयु 41 वर्ष)

प्रारम्भिक जीवन एवं शिक्षा

कल्पन चावला का जन्म 17 मार्च 1962 को करनाल, हरियाणा में हुआ, उनके माँ-पिता का नाम संजयोती देवी बनारसी लाल चावला क्रमशः है। कल्पना की प्रारंभिक पढाई “टैगोर बाल निकेतन” में हुई। कल्पना जब आठवी कक्षा में पहुचीं तो उन्होंने इंजीनियर बनने की इच्छा प्रकट की। उसकी माँ ने अपनी बेटी की भावनाओं को समझा और आगे बढने में मदद की। पिता उसे चिकित्सक या शिक्षिका बनाना चाहते थे। लेकिन कल्पना बचपन से ही अंतरिक्ष में घूमने की कल्पना करती थी। उनकी उड़ान में दिलचस्पी J R D Tata ‘जहाँगीर रतनजी दादाभाई टाटा से प्रेरित थी जो एक अग्रणी भारतीय विमान चालक और उद्योगपति थे।

आगे की शिक्षा वैमानिक अभियान्त्रिकी में पंजाब इंजिनियरिंग कॉलेज, चंडीगढ़, भारत से करते हुए 1982 में अभियांत्रिकी स्नातक की उपाधि प्राप्त की। वे संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए 1982 में चली गईं और 1984 वैमानिक अभियान्त्रिकी में विज्ञान निष्णात की उपाधि टेक्सास विश्वविद्यालय आर्लिंगटन से प्राप्त की। कल्पना जी ने 1986 में दूसरी विज्ञान निष्णात की उपाधि पाई और 1988 में कोलोराडो विश्वविद्यालय बोल्डर से वैमानिक अभियंत्रिकी में विद्या वाचस्पति की उपाधि पाई। कल्पना जी को हवाईजहाज़ों, ग्लाइडरों व व्यावसायिक विमानचालन के लाइसेंसों के लिए प्रमाणित उड़ान प्रशिक्षक का दर्ज़ा हासिल था। उन्हें एकल व बहु इंजन वायुयानों के लिए व्यावसायिक विमानचालक के लाइसेंस भी प्राप्त थे।

नासा

कल्पना जी मार्च 1995 में नासा के अंतरिक्ष यात्री कोर में शामिल हुईं और वे 1997 में अपनी पहली उड़ान के लिए चुनी गयीं थी। उनका पहला अंतरिक्ष मिशन 19 नवम्बर 1997 को छह अंतरिक्ष यात्री दल के हिस्से के रूप में अंतरिक्ष शट कोलंबिया की उड़ान एसटीएस-87 से शुरू हुआ। कल्पना जी अंतरिक्ष में उड़ने वाली प्रथम भारत में जन्मी महिला थीं और अंतरिक्ष में उड़ाने वाली भारतीय मूल की दूसरी व्यक्ति थीं।

एसटीएस-८७ की उड़ानोपरांत गतिविधियों के पूरा होने पर कल्पना जी ने अंतरिक्ष यात्री कार्यालय में, तकनीकी पदों पर काम किया है।

पुरस्कार

नासा विशिष्ट सेवा पदक

काँग्रेशनल अंतरिक्ष पदक के सम्मान

नासा अंतरिक्ष उड़ान पदक

इन्हें भी देखें:-

Total
0
Shares
Leave a Reply
Previous Post
अब भारत की वायुसेना में जुड़ेगा 5वीं पीढ़ी का स्टेल्थ फाइटर जेट, वायुसेना होगी और पावरफुल

अब भारत की वायुसेना में जुड़ेगा 5वीं पीढ़ी का स्टेल्थ फाइटर जेट, वायुसेना होगी और पावरफुल

Next Post
ट्रंप और मैं देश सर्वप्रथम... एक-दूसरे पर कितना भरोसा है, मोदी ने सिर्फ दावे नहीं किए, सबूत भी दिए

ट्रंप और मैं देश सर्वप्रथम… एक-दूसरे पर कितना भरोसा है, मोदी ने सिर्फ दावे नहीं किए, सबूत भी दिए

Related Posts
भारत के प्रखर राजनीतिज्ञ थे कांशीराम

कांशीराम – Kanshi Ram

राजनीती में ऐसे बहुत से राजनीतिज्ञ है जिन्होंने भारतीय राजनीति को प्रखर बनाने का महत्वपूर्ण काम किया है।…
Read More
AAFocd1NAAAAAElFTkSuQmCC भगत सिंह - Bhagat Singh

भगत सिंह – Bhagat Singh

“इंकलाब जिंदाबाद”(“क्रांति अमर रहे”) का नारा देने वाले शाहिद अमर भगत सिंह(शाहिद-ए-आज़म), भारत की आजादी में अपनी जवानी,…
Read More
Total
0
Share