सुभद्रा कुमारी चौहान एक हिंदी कवयित्री थीं। उनकी कविताओं में देशभक्ति और वीरता की भावना स्पष्ट रूप से दिखाई देती है। उनकी कविताओं ने देश के स्वतंत्रता आंदोलन में एक नयी ऊर्जा का संचार किया। उनकी सबसे प्रसिद्ध कविता “झांसी की रानी” लक्ष्मीबाई की वीरता और साहस को प्रतिबिंबित करती है। सुभद्रा कुमारी चौहान को ‘काव्य सेनानी’ और ‘स्वातंत्रय कोकिला’ जैसे उपनामों से भी संबोधित किया जाता है।
उमा श्री भारती वर्ष 2003 से 2004 तक मध्य प्रदेश की मुख्यमंत्री रह चुकी…
सुभद्रा कुमारी चौहान की जीवनी – Subhadra Kumari Chauhan Biography in Hindi
- सुभद्रा कुमारी चौहान का जन्म 16 अगस्त, 1904 को हुआ था।
- इलाहाबाद (अब प्रयागराज) में उनका जन्म हुआ था।
नाम | सुभद्रा कुमारी चौहान (Subhadra Kumari Chauhan) |
जन्म | 16 अगस्त, 1904, गांव निहालपुर, जिला इलाहाबाद (उत्तर प्रदेश) |
पिता | ठाकुर रामनाथ सिंह |
माता | धिराज कुँवरी |
शिक्षा | नौवीं कक्षा पास |
स्कूल | क्रॉस्थवेट गर्ल्स स्कूल |
पति | ठाकुर लक्ष्मण सिंह |
संतान | 5 |
बेटे | अजय चौहान, विजय चौहान और अशोक चौहान |
बेटी | सुधा चौहान और ममता चौहान |
प्रसिद्ध रचनाएँ | ’झाँसी की रानी’, ’बिखरे मोती’ (1932), ’उन्मादिनी’ (1934), ’सीधे सादे चित्र’ (1947) |
सुभद्रा कुमारी चौहान की रचनाएँ
- कहानी संग्रह
- बिखरे मोती
- उन्मादिनी
- सीधे-साधे चित्र
- सीधे-साधे चित्र (पूर्व प्रकाशित एवं संकलित-असंकलित समस्त कहानियों का संग्रह; हंस प्रकाशन, इलाहाबाद से प्रकाशित।)
- कविता संग्रह
- मुकुल
- त्रिधारा
- मुकुल तथा अन्य कविताएँ – (बाल कविताओं को छोड़कर पूर्व प्रकाशित एवं संकलित-असंकलित समस्त कविताओं का संग्रह; हंस प्रकाशन, इलाहाबाद से प्रकाशित।)
- प्रसिद्ध कविताएं – स्वदेश के प्रति, झंडे की इज्जत में, झांसी की रानी, सभा का खेल, बोल उठी बिटिया मेरी, वीरों का कैसा हो बसंत, जलियांवाला बाग में बसंत इत्यादि।
- बाल-साहित्य
- झाँसी की रानी
- कदम्ब का पेड़
- सभा का खेल
UltranewsTv देशहित
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