चार राज्यों के चुनावी नतीजे : विश्लेषण

हाल ही में हुए चुनावों के नतीजे सामने आ गए हैं। इन चुनावों में, भारतीय जनता पार्टी ने चार राज्यों में से तीन राज्यों में पूर्ण बहुमत के साथ अपनी सीटें जीती और हिंदी बेल्ट में अपना दबदबा कायम रखा। इसका श्रेय प्रधानमत्री के कुशल नेतृत्व को ही जाता है। पिछले हर चुनाव की भांति भी ये चुनाव भी माननीय प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे पर लड़ा गया और इसमें सफलता भी मिली। भारतीय जनता पार्टी के पार्टी शीर्ष से लेकर आम कार्याकर्ता इस जीत के हकदार हैं।

राजस्थान और मधयप्रदेश के नतीजे चुनावी एग्जिट पोल्ल के हिसाब से थे परन्तु छत्तीसगढ़ के परिणामो ने एक बार सभी पार्टियों के खोखले चुनावी घोषणाओं की पोल खोल कर रख दी है। छत्तीसगढ़ के जनमानस ने इस बार देश के विकास के साथ जाने का फैसला लिए जोकि स्वागत के योग्य है।

राजस्थान में जनता ने इस बार पुनः सरकार को बदलकर अपना अजेंडा साफ किया कि यदि राज्यों के लिए काम नहीं करोगे तो सत्ता से मुक्त होना पड़ेगा। राजस्थान में संभवतः महंगाई बीजेपी शासित राज्यों की तुलना में ज्यादा है। शायद, जनता ने इस वजह से विपक्षी पार्टियों को सबक सीखा दिया हो। साथ-ही-साथ राजस्थान में कांग्रेस की आपसी गुटबाजी और दो से ज्यादा मुख्यमंत्रियों के चहरे भी नुक्सान देने के सिवाए कुछ नहीं कर पाए।

मध्य प्रदेश में पूर्ण बहुमत की सरकार देकर जनता ने शिवराज सिंह चौहान के कामों को पूर्ण रूप से सहमति दी है तथा कांग्रेस से बीजेपी में आए बड़े नेता ‘ज्योतिरादित्य सिंधिया’ ने भी काफी हद तक कांग्रेस की कमर तोड़ने का काम किया है। शिवराज सिंह चौहान के कुछ फैसले जो महिलाओं के हित में लिए गए थे, उन फैसलों ने भी जीत में अपना अहम रोल निभाया है। लाड़ली योजना के तहत लाभार्थी महिलाओं को शुरुआत में हर महीने 1,000 रुपये दिए जाने का ऐलान किया गया था, जिसे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने छह महीने बाद ही बढ़ाकर 1250 रुपये प्रति महीने कर दिया था। राज्य की एक करोड़ से ज्यादा महिलाओं को इस योजना का लाभ फिलहाल मिल रहा है। इसका सारा फायदा शिवराज सिंह चौहान को मिला। खैर, अगला मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बनेंगे या कोई अन्य, इस पर भी संशय बरकरार है।

तेलंगना में कांग्रेस को बहुत बड़ा बहुमत मिला जिससे कांग्रेस का दक्षिणी किला अभी बच गया है। इस उपलब्धि के लिए वे बधाई के पात्र हैं परन्तु बीजेपी ने 8 सीट जीतकर AIMIM को पीछे छोड़ दिया है और बीजेपी ने अच्छा-खासा वोट प्रतिशत भी वहां पर हासिल किया है, जोकि आने वाले लोकसभा के चुनावों के लिए लाभकारी होगा। 

जनतंत्र की इस लड़ाई में कभी कोई जीतता है तो कभी कोई, परन्तु जनता के हित के फैसले लेने से ही देश का विकास होगा।