Lok Sabha Election 2024 : उत्तर प्रदेश की सभी 80 सीटों का विश्लेषण

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लोकसभा चुनाव में देश की कुल सीटों में से उत्तर प्रदेश 15% की भागीदारी तय करता है, यहाँ के सभी गठबंधन MY फैक्टर के भरोसे चुनाव जीतना चाहते है जिसमे सपा का MY फैक्टर मुस्लिम-यादव बोट बैंक है, और दूसरी ओर भाजपा का MY फैक्टर मोदी – योगी का साथ है।
आइये देखें लोकसभा चुनाव 2024 उत्तर प्रदेश की सभी 80 सीटों का विश्लेषण..

उत्तर प्रदेश केंद्र में सरकार बनाने के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण राज्य है। यह राज्य देश के अधिकांश प्रधानमंत्री बनाने के लिए महत्वपूर्ण योगदान देता आया है। यह देश का सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला राज्य होने के साथ सर्वाधिक 80 लोकसभा सीट वाला प्रदेश भी है। उत्तर प्रदेश में हर सीट का एक अलग ही समीकरण बना हुआ है।

लोकसभा चुनाव 2014

2014 से पहले, सपा के साथ मुस्लिम + यादव मजबूत वोट बैंक रहा है और बसपा के पास दलित + मुसलमान वोट का मजबूत आधार रहा है। बाकी अन्य जातियां जिधर जाती थी उसकी ज्यादा सीटे आती थी। 2014 में मोदी लहर के बाद भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश में काफी मजबूत हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे पर तथा उत्तर प्रदेश के भाजपा प्रभारी अमित शाह के प्रबंधन के कारण भाजपा मजबूत हुई।

भाजपा ने सपा और बसपा के मजबूत वोट बैंक को छोड़कर सभी जातियों को एक साथ जोड़ा। भाजपा ने 40% वोट ( यादव, जाटव और मुसलमान) के अलावा 60% अन्य जातियों पर फोकस किया जिसके परिणाम स्वरुप भाजपा 2009 लोकसभा चुनाव की 10 सीटों से सीधा 73 सीटों पर विजयी हुई, वोट प्रतिशत 15% से 44% पहुंचा।

और दूसरी ओर सपा का वोट प्रतिशत 30% से घटकर 22% हुआ। बसपा का वोट प्रतिशत घटकर 30% से 24% हुआ। सपा को केवल अपने परिवार की पांच सीटों पर ही विजय प्राप्त हो सकी। बहुजन समाज पार्टी अपना खाता भी नहीं खोल पाई। कांग्रेस को अमेठी और रायबरेली की केवल दो सीटों से ही संतोष करना पड़ा।

भाजपा ने मुस्लिम बाहुल सीटों पर भी एक तरफ जीत प्राप्त की, उसका बड़ा कारण सपा बसपा और कांग्रेस के मुस्लिम मतों का बड़े पैमाने पर विभाजन था। मुस्लिम बाहुल मुरादाबाद, कैराना, संभल, नगीना, मेरठ, बिजनौर और रामपुर जैसी लोकसभा सीटों पर भाजपा को विजय मिली। समाजवादी पार्टी को मैनपुरी और आजमगढ़ से श्री मुलायम सिंह फिरोजाबाद से अक्षय यादव, बदायूं से धर्मेंद्र यादव और कन्नौज से डिंपल यादव को विजय प्राप्त हुई।

लोकसभा चुनाव 2019

लोकसभा चुनाव 2019 में समीकरण कुछ बदले सपा, बसपा और राष्ट्रीय लोक दल का गठबंधन हुआ तब लोगों को लगा कि इस गठबंधन के बाद भाजपा को मुश्किल से 20 से 25 लोकसभा सीट ही जीत मिल पायेगी। लेकिन राजनीति में सीटों का आंकलन, गणित की तरह 2 + 2 = 4 नहीं होता, जो कि एक केमिस्ट्री की तरह 2 + 2 = 3 ही होता है।

मतलब कि जो गठबंधन दो पार्टियों में ऊपर के नेताओं में हुआ, वह नीचे के स्तर के नेताओं में नहीं हो पाता है। उसका बड़ा कारण पिछले दो-तीन दशक से सपा और बसपा का उत्तर प्रदेश में शासन रहा है। जिसमें सपा और बसपा के समर्थक और कार्यकर्ताओं के बीच संघर्ष रहा है। चर्चित गेस्ट हाउस प्रकरण भी हुआ, जिसके कारण वोट एक दूसरे को ट्रांसफर बहुत ही कम हुआ। परिणाम स्वरूप सपा को मात्र 5 सीट और वोट 18.11% मिला। जबकि बसपा को 10 सीट, वोट 19.43% और कांग्रेस को केवल एक सीट तथा वोट 6.36% मिला। कांग्रेस को सोनिया गांधी की रायबरेली सीट ही एक मात्र मिली। सपा का वोट तो बसपा के साथ जुड़ा पर बसपा का वोट सपा के साथ बहुत ही कम जुड़ सका। गठबंधन को जो भी 15 सीटों में विजय प्राप्त हुई। उसका मुख्य कारण एक तरफा बिना विभाजन मुसलमान का वोट गठबंधन को मिलना है। एनडीए को लोकसभा सीट 64, वोट 51% मिले।

वोट प्रतिशत और लोकसभा सीट

  • 2024 का चुनाव न केवल मोदी, साथ में योगी का नाम, भाजपा को उत्तर प्रदेश में मजबूती देता है।
  • समाजवादी पार्टी के लिए मजबूत आधार मुसलमान और यादव मतदाता के साथ-साथ चुनाव में उतारे गए प्रत्याशियों के सजातीय मतदाता।
  • भारतीय जनता पार्टी के लिए मजबूत आधार राष्ट्रवादी और हिंदुत्व का समर्थन मतदाता देश और प्रदेश की विभिन्न योजना के लाभार्थी।
  • बहुजन समाज पार्टी का मजबूत आधार दलितों एवं जाटव वोट साथ ही साथ कुछ मुसलमान।

समाजवादी पार्टी ने उत्तर प्रदेश के विधानसभा 2022 के चुनाव की तरह अपने मजबूत बोट बैंक यादव और मुसलमान को साथ रखते हुए। अन्य जातियों को ज्यादा टिकट दिया है। ताकि प्रत्याशी की जाति के कारण उसका सजातीय वोट जुड़े और मुस्लिम-यादव समीकरण बनाकर जीत जाए जो कि कुछ हद तक सफल भी हुआ है। समाजवादी पार्टी को विधानसभा मे 47 सीटों से बढ़कर 125 हुई। जिसका मुख्य कारण मुसलमान वोट का एक तरफ सपा की तरफ जाना था।

प्रदेश में लगभग 12% यादव समाज के लोग हैं जिनमें केवल परिवार के पांच लोग बदायूं से आदित्य यादव, फिरोजाबाद से अक्षय यादव, मैनपुरी से डिंपल यादव, कन्नौज से अखिलेश यादव तथा आजमगढ़ से धर्मेंद्र यादव के अलावा किसी भी यादव समाज को लोकसभा टिकट देना उचित नहीं समझा और मुसलमान की प्रदेश में लगभग 16% आबादी होने के बावजूद केवल चार या पांच मुस्लिम कैंडिडेट उतारे। जिसका सम्भवतय समाजवादी पार्टी को नुकसान होगा। भारतीय जनता पार्टी को प्रचार करने का मौका दिया कि यादव और मुसलमान केवल चादर बिछाने के लिए है। इनको टिकट नहीं दिया जाएगा जिससे संभावित यादव वोट में भी काफी बड़ी भाजपा सैध लगाने में कामयाब होगी।

भाजपा नॉन यादव पिछड़े वर्ग और नॉन जाटव दलित वोट को अपना लगभग मजबूत आधार बना चुकी है। प्रदेश में योगी आदित्यनाथ न केवल उत्तर प्रदेश में पूरे देश विदेश में बुलडोजर बाबा के नाम से लोकप्रिय हुए है। उत्तर प्रदेश पहले कानून और व्यवस्था के नाम पर बहुत ही बदनाम था। आज बेहतर कानून व्यवस्था के लिए जाना जाता है। आज उत्तर प्रदेश में अपराधी अपराध करने से पहले बहुत डरता है।
योगी सरकार की प्रमुख उपलब्धियाँ: बड़े-बड़े अपराधियों को खत्म किया गया, इंफ्रास्ट्रक्चर में उत्तर प्रदेश में बिजली और सड़क में बहुत ही शानदार काम, ग्रामीण सड़क एवं हाईवे और राष्ट्रीय हाईवे का निर्माण, मेट्रो ट्रेन का सुचारू संचालन, बिजली व्यवस्था में बड़ा सुधार है।
आज इंफ्रास्ट्रक्चर में उत्तर प्रदेश शीर्ष प्रदशों में गिना जाता है। साथ ही साथ प्रधानमंत्री लाभार्थी योजनाएं जैसे आवास योजना, फ्री राशन, उज्ज्वला योजना के सहित गैस सिलेंडर, फ्री बिजली कनेक्शन, शौचालय, किसान सम्मान निधि, 5 लाख का आयुष्मान स्वास्थ्य बीमा आदि अपने में ही भाजपा का वोट बैंक बन चुका है।

  • लोकसभा सीट सहारनपुर, बिजनौर, नगीना, अमरोहा और मेरठ में दलित और मुस्लिम मतदाता के विभाजन का फायदा भाजपा को मिलेगा।
  • रामपुर और मुरादाबाद में सपा की अंतरिक कलह, सपा को नुकसान पहुंचा सकती है।
  • फिरोजाबाद, मैनपुरी, बदायूं और कन्नौज में बहुत ही कड़ा मुकाबला है।
  • कौशांबी में राजा भैया की नाराजगी भाजपा को नुकसान पहुंचा सकती है।
  • अंबेडकर नगर में बसपा प्रत्याशी रितेश पांडे भाजपा में आने का फायदा मिल सकता है।
  • जौनपुर में धनंजय सिंह का बसपा से अलग होकर भाजपा को समर्थन से भाजपा को लाभ हो सकता है।

पिछले चुनाव का डेटा

20142019
BJPVote %42.6350
Seat7162
Apna DalVote %11
Seat22
SPVote %23.3518.11
Seat55
BSPVote %19.7719.43
Seat010
CongressVote %7.536.36
Seat21

कड़े मुकाबले वाली लोकसभा सीट

हमारा अनुमान है लगभग 60 सीटों पर भाजपा आसानी से जीत दर्ज कर रही है। बाकी 20 सीटों पर कड़ा मुकाबला है। अनुमान है कि एनडीए को 72 से 77 तक लोकसभा सीट जीतने की संभावना है।

क्रम लोकसभा सीट जीत (2019) अंतर (2019) संभावना (2024)
1 सहारनपुर BSP 22,477 BJP
2 बिजनौर BSP 6,941 NDA
3 नगीना (अ.जा.) BSP 1,66,941 BJP
4 मुरादाबाद SP 97,877 BJP
5 रामपुर SP 1,09,997 कड़ा मुकाबला
6 सम्भल SP 1,74,826 SP
7 अमरोहा BSP 63,248 BJP
8 मेरठ BJP 4,729 BJP
9 फिरोज़ाबाद BJP 28,781 BJP
10 मैनपुरी SP 94,389 जबरदस्त मुकाबला
11 बदायूँ BJP 18,454 BJP
12 कन्नौज BJP 12,353 कड़ा मुकाबला
13 कौशाम्बी (अ०जा०) BJP 38,722 BJP
14 अम्बेडकरनगर BSP 95,880 BJP
15 श्रावस्ती BSP 5,320 BJP
16 लालगंज (अ.जा.) BSP 1,61,527 BJP
17 आज़मगढ़ SP 2,59,874 SP
18 घोसी BSP 1,22,568 NDA
19 जौनपुर BSP 80,936 BJP
20 मछलीशहर (अ.जा) BJP 181 BJP
21 गाजीपुर BSP 1,19,392 BJP

प्रथम तर्क: सबसे बड़ी बात यह है कि न तो प्रदेश सरकार और न भारत सरकार के खिलाफ जनता में कोई भी एंटी इनकंबेंसी है। कई बार सरकार बदलने के लिए भी वोट प्रतिशत बढ़ता है पर ऐसा देश की सरकार के प्रति लोगों में नाराजगी गुस्सा नहीं है। कुछ लोगों का मानना है कि जो तीन से चार प्रतिशत मतदान में गिरावट आई है। विपक्ष का लगातार बुरी तरह पराजित होना भी वोटरों को निष्क्रिय बना देता है। परन्तु राष्ट्रवादी वोटर हर हाल में वोट डालने जाता ही है।

दूसरा तर्क: सपा और बसपा का गठबंधन होने के बावजूद गठबंधन मात्र 15 लोकसभा सीट ही जीत सका। एनडीए गठबंधन 64 जीतने में कामयाब हुआ अब अलग-अलग लड़ने के बाद बसपा और भी कमजोर हुई है उसका जाटव मतदाता भी बिखराव की ओर है। बिखरे हुए बसपा के वोटर्स का विभाजन भी भाजपा और बसपा में ही होगा, सपा की ओर जाने की संभावना बहुत ही कम है। मुसलमान वोटर्स जरूर सपा की तरफ वोट करेगा। जाट मतदाता पूर्ण रूप से भाजपा गठबंधन को ही वोट करेगा। पूर्वांचल में दारा सिंह चौहान, ओमप्रकाश राजभर और निषाद पार्टी के भारतीय जनता पार्टी के साथ होने से पूर्वांचल की कई सीटों पर भाजपा को लाभ मिलेगा। वहीं दूसरी ओर समाजवादी पार्टी से रालोद का अलग होना संजय चौहान की पार्टी, आजाद पार्टी के चंद्रशेखर आजाद उर्फ रावण, महान पार्टी की केशव देव मौर्य, पल्लवी पटेल का अलग होना समाजवादी पार्टी के लिए बड़ा नुकसानदायक साबित हो सकता है।

Analysis of all 80 seats of Uttar Pradesh

Personality: लोकसभा चुनाव 2024 के प्रसिद्ध व्यक्तित्व

यूपी लोकसभा चुनाव 2024 के उम्मीदवारों की सूची

क्रम लोकसभा सीट बीजेपी+ सपा+ बसपा
1 सहारनपुर राघव लखनपाल इमरान मसूद माजिद अली
2 कैराना प्रदीप कुमार इकरा हसन श्रीपाल सिंह
3 मुजफ्फरनगर संजीव बालियान हरेंद्र मलिक दारा सिंह प्रजापति
4 बिजनौर चंदन चौहान (RLD) दीपक सैनी चौधरी विजेंद्र सिंह
5 नगीना (अ.जा.) ओम कुमार मनोज कुमार सुरेंद्र पाल सिंह
6 मुरादाबाद सर्वेश सिंह रुचि वीरा इरफान सैफी
7 रामपुर घनश्याम लोधी मौलाना मोहिबुल्लाह नदवी जीशान खां
8 सम्भल परमेश्वर लाल सैनी जियाउर्रहमान बर्क शौलत अली
9 अमरोहा कंवर सिंह तंवर दानिश अली मुजाहिद हुसैन
10 मेरठ अरुण गोविल सुनीता वर्मा देवव्रत त्यागी
11 बागपत राजकुमार सांगवान (RLD) मनोज चौधरी प्रवीण बंसल
12 गाजियाबाद अतुल गर्ग डॉली शर्मा ठाकुर नंदकिशोर पुंढीर
13 गौतम बुद्ध नगर महेश शर्मा डॉ महेंद्र नागर राजेंद्र सिंह सोलंकी
14 बुलंदशहर (अ.जा) डॉ भोला सिंह शिवराम वाल्‍मीकि गिरीश चंद्र जाटव
15 अलीगढ़ सतीश गौतम बिजेंद्र सिंह हितेंद्र कुमार उर्फ बंटी उपाध्याय
16 हाथरस (अ.जा) अनूप वाल्‍मीकि जसवीर बाल्‍मीकि हेमबाबू धनगर
17 मथुरा हेमा मालिनी मुकेश धनगर कमलकांत उपमन्यु
18 आगरा (अ.जा) एसपी सिंह बघेल सुरेश चंद कदम पूजा अमरोही
19 फतेहपुर सीकरी राजकुमार चाहर राम नाथ सिकरवार रामनिवास शर्मा
20 फिरोज़ाबाद विश्वदीप सिंह अक्षय यादव सत्येंद्र जैन सौली
21 मैनपुरी जयवीर सिंह डिंपल यादव शिव प्रसाद यादव
22 एटा राजवीर सिंह देवेश शाक्‍य मोहम्मद इरफान
23 बदायूं दुर्विजय सिंह शाक्‍य आदित्‍य यादव हाजी मुस्लिम खां
24 आंवला धर्मेंद्र कश्यप नीरज मौर्य आबिद अली
25 बरेली छत्रपाल सिंह गंगवार प्रवीण सिंह एरन छोटे लाल गंगवार
26 पीलीभीत जितिन प्रसाद भगवत सरन गंगवार अनीस अहमद खां फूल बाबू
27 शाहजहांपुर अरुण सागर राजेश कश्‍यप डॉ दोदराम वर्मा
28 खीरी अजय मिश्रा टेनी उत्‍कर्ष वर्मा अंशय कालरा रॉकीजी
29 धौरहरा रेखा वर्मा आनंद भदौरिया श्याम किशोर अवस्थी
30 सीतापुर राजेश वर्मा राकेश राठौड़ महेंद्र सिंह यादव
31 हरदोई (अ०जा०) जयप्रकाश रावत ऊषा वर्मा भीमराव अंबेडकर
32 मिश्रिख (अ०जा०) अशोक कुमार रावत राम शंकर भार्गव बीआर. अहिरवार
33 उन्नाव साक्षी महाराज अनु टंडन अशोक पांडेय
34 मोहनलालगंज (अ०जा०) कौशल किशोर आरके चौधरी मनोज प्रधान
35 लखनऊ राजनाथ सिंह रविदास मेहरोत्रा सरवर मलिक
36 रायबरेली दिनेश प्रताप सिंह राहुल गांधी ठाकुर प्रसाद यादव
37 अमेठी स्मृति इरानी केएल शर्मा नन्‍हें चौहान
38 सुल्तानपुर मेनका गांधी भुवाल निषाद उदराज वर्मा
39 प्रतापगढ़ संगम लाल गुप्ता एसपी सिंह पटेल प्रथमेश मिश्र
40 फर्रूखाबाद मुकेश राजपूत डॉ नवल किशोर शाक्‍य क्रांति पांडेय
41 इटावा (अ०जा०) रामशंकर कठेरिया जितेंद्र दोहरे सारिका सिंह बघेल
42 कन्नौज सुब्रत पाठक अखिलेश यादव इमरान बिन जफर
43 कानपुर रमेश अवस्‍थी आलोक मिश्रा कुलदीप भदौरिया
44 अकबरपुर देवेंद्र सिंह भोले राजाराम पाल राजेश कुमार द्विवेदी
45 जालौन (अ०जा०) भानु प्रताप वर्मा नारायण दास अहिरवार सुरेश चंद्र गौतम
46 झांसी अनुराग शर्मा प्रदीप जैन आदित्‍य रवि प्रकाश कुशवाहा
47 हमीरपुर पुष्पेंद्र सिंह चंदेल अजेंद्र सिंह राजपूत निर्दोष कुमार दीक्षित
48 बांदा आरके सिंह पटेल कृष्‍णा पटेल मयंक द्विवेदी
49 फतेहपुर साध्वी निरंजन ज्योति उत्‍तम पटेल डॉक्टर मनीष सिंह सचान
50 कौशाम्बी (अ०जा०) विनोद सोनकर पुष्‍पेंद्र सरोज शुभ नारायण
51 फूलपुर प्रवीण पटेल अमरनाथ मौर्या जगन्नाथ पाल
52 इलाहाबाद नीरज त्रिपाठी उज्जवल रेवती रमण सिंह रमेश पटेल चितौरी
53 बाराबंकी (अ०जा०) राजरानी रावत तनुज पुनिया शिव कुमार दोहरे
54 फैजाबाद लल्लू सिंह अवधेश प्रसाद सच्चिदानंद पांडेय
55 अम्बेडकरनगर रितेश पांडेय लालजी वर्मा कमर हयात अंसारी
56 बहराइच (अ०जा०) डॉ अरविंद गोंड रमेश गौतम बृजेश कुमार सोनकर
57 कैसरगंज करण भूषण सिंह भगत राम मिश्रा नरेंद्र पांडे
58 श्रावस्ती साकेत मिश्रा राम शिरोमणि वर्मा मुइनुद्दीन अहमद खान उर्फ हाजी दद्दन खान
59 गोंडा कीर्तिवर्धन सिंह श्रेया वर्मा सौरभ कुमार मिश्रा
60 डुमरियागंज जगदंबिका पाल भीष्म शंकर ‘कुशल’ तिवारी मोहम्मद नदीम मिर्जा
61 बस्ती हरीश द्विवेदी रामप्रसाद चौधरी लवकुश पटेल
62 सन्त कबीर नगर प्रवीण निषाद लक्ष्मीकांत उर्फ पप्पू निषाद मोहम्मद आलम
63 महाराजगंज पंकज चौधरी वीरेंद्र चौधरी मोहम्मद मौसमे आलम
64 गोरखपुर रवि किशन काजल निषाद जावेद सिमनानी
65 कुशीनगर विजय कुमार दुबे अजय प्रताप सिंह ऊर्फ पिंटू सैंथवार शुभ नारायण चौहान
66 देवरिया शशांक मणि त्रिपाठी अखिलेश प्रताप सिंह संदेश यादव उर्फ मिस्टर
67 बांसगांव (अ०जा०) कमलेश पासवान सदन प्रसाद डॉ रामसमुझ
68 लालगंज (अ.जा.) नीलम सोनकर दरोगा सरोज डॉ. इंदू चौधरी
69 आज़मगढ़ दिनेश यादव निरहुआ धर्मेंद्र यादव मशहूद अहमद
70 घोसी अरविंद राजभर (सुभासपा) राजीव राय बालकृष्ण चौहान
71 सलेमपुर रवींद्र कुशवाहा रमाशंकर राजभर भीम राजभर
72 बलिया नीरज शेखर सनातन पांडेय लल्‍लन सिंह यादव
73 जौनपुर कृपाशंकर सिंह बाबू सिंह कुशवाहा श्‍याम सिंह यादव
74 मछलीशहर (अ.जा) बीपी सरोज प्रिया सरोज कृपा शंकर सरोज
75 गाजीपुर पारसनाथ राय अफजाल अंसारी डॉ उमेश कुमार सिंह
76 चन्दौली महेंद्र नाथ पांडेय वीरेंद्र सिंह सत्येंद्र कुमार मौर्य
77 वाराणसी नरेंद्र मोदी अजय राय सैयद नेयाज अली उर्फ मंजू भाई
78 भदोही विनोद बिंद ललितेश पति त्रिपाठी हरिशंकर सिंह उर्फ दादा चौहान
79 मिर्जापुर अनुप्रिया पटेल (अपना दल) रमेश बिंद मनीष त्रिपाठी
80 राबर्ट्सगंज (अ.जा) रिंकी कोल (अपना दल) छोटेलाल खरवार धनेश्वर गौतम

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