नेपाल में हुआ सत्ता परिवर्तन, ओली फिर बने प्रधानमंत्री There was a change of power in Nepal, Oli became the Prime Minister again.
नेपाल में राजनीतिक उथल पुथल के बीच नई गठबंधन सरकार का गठन हो गया है। के पी शर्मा ओली नई सरकार के प्रधानमंत्री चुने गए हैं। नेपाल के प्रधानमंत्री के रूप में ये उनका चौथा कार्यकाल है। नेपाल के राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने ओली को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। ओली को चीन के प्रति नरम रुख के लिए जाना जाता है।
कमल दहल ‘प्रचंड’ की जगह लेंगे ओली – Oli will replace Kamal Dahal ‘Prachand’
के पी शर्मा ओली ने सोमवार को राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में नेपाल के नए प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली। प्रधानमंत्री के रूप में ओली अपने तीन कार्यकाल पुरे कर चुके हैं। ओली इस बार प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ की जगह लेंगे। प्रचंड शुक्रवार को संसद में अपना बहुमत हार गए थे। जिसके बाद राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने राजनीतिक दलों को नई सरकार के बनाने के लिए आमंत्रित किया।
लगातार राजनीतिक अस्थिरता झेल रहा है नेपाल – Nepal is facing constant political instability
नेपाल ने पिछले 16 वर्षों में 10 प्रधानमंत्री और 30 उप प्रधानमंत्री बनते देखे हैं। 2008 में राजशाही का साथ छोड़कर संविधान अपनाने के बाद नेपाल में 13 अलग-अलग सरकारें बनीं हैं। अब नए प्रधानमंत्री का भी ऐलान हो गया है।
चीन के प्रति है ओली का झुकाव – Oli is inclined towards China
नई सरकार के गठन के बाद के पी शर्मा ओली फिर प्रधानमंत्री के पद पर नियुक्त हुए हैं। ओली का झुकाव हमेशा से चीन की तरफ रहा है। यह भारत के लिए एक चिंता का विषय हो सकता है। नेपाल की नई सरकार के भारत के साथ किस तरह के संबंध हो सकते हैं, इसे इस तरह से समझना होगा कि, “यूएमएल और नेपाली कांग्रेस की निर्दलीय उम्मीदवारों के साथ मिलकर जो नई सरकार बन रही है, इसका रुख़ भारत की तरफ़ दोस्ताना नहीं रहने वाला, क्योंकि इन दोनों ही पार्टियों की लीडरशिप की भारत के राजनीतिक नेतृत्व से नहीं बनी है। ये तय है कि भारत के साथ इनके संबंध अच्छे नहीं होंगे।”
यदि आपको हमारा यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर करना ना भूलें और अपने किसी भी तरह के विचारों को साझा करने के लिए कमेंट सेक्शन में कमेंट करें।