हरिशंकर परसाईं हिंदी साहित्य के प्रथम व्यंगकार माने जातें हैं। आज 10 अगस्त उनकी पुण्यतिथि पर जानतें हैं उनके बारे में कुछ बातें।
Harishankar Parsai : एक संक्षिप्त जीवन परिचय
पूरा नाम | हरिशंकर परसाई |
जन्म | 22 अगस्त, 1922 |
जन्म भूमि | जमानी गाँव, होशंगाबाद ज़िला, मध्य प्रदेश |
मृत्यु | 10 अगस्त, 1995 |
मृत्यु स्थान | जबलपुर, मध्य प्रदेश |
कर्म भूमि | भारत |
कर्म-क्षेत्र | लेखक और व्यंग्यकार |
मुख्य रचनाएँ | ‘तब की बात और थी’, ‘बेईमानी की परत’, ‘भोलाराम का जीव’, ‘विकलांग श्रद्धा का दौरा’, ‘ज्वाला और जल’ आदि। |
विषय | सामाजिक |
भाषा | हिंदी |
विद्यालय | ‘नागपुर विश्वविद्यालय’ |
शिक्षा | एम.ए. (हिंदी) |
पुरस्कार-उपाधि | ‘साहित्य अकादमी पुरस्कार’, ‘शिक्षा सम्मान’, ‘शरद जोशी सम्मान’। |
प्रसिद्धि | व्यंग्यकार व रचनाकार |
नागरिकता | भारतीय |
विधाएँ | निबंध, कहानी, उपन्यास, संस्मरण |
हरिशंकर परिसाई की रचनाएँ
हरिशंकर परसाई : निबंध
- आवारा भीड़ के खतरे
- माटी कहे कुम्हार से
- काग भगोड़ा
- ठिठुरता हुआ गणतंत्र
- प्रेमचंद के फटे जूते
- तुलसीदास चंदन घिसे
- भूत के पांव पीछे
- बेमानी की परत
परसाई : हास्य व्यंग
- विकलांग श्रद्धा का दौर
- दो नाक वाले लोग
- क्रांतिकारी की कथा
- पवित्रता का दौर
- पुलिस मंत्री का पुतला
- वह जो आदमी है ना
- नया साल
- घायल बसंत
- शर्म की बात पर ताली पीटना
- भगत की गत
- एक मध्यवर्गीय कुत्ता
- सुदामा का चावल
- कंधे श्रवण कुमार के
- 10 दिन का अनशन
हरिशंकर परसाई : बाल कहानी
- चूहा और मैं
- चिट्ठी पत्री
- मायाराम सुरजन
- हरिशंकर परसाई की लघु कथाएं
- अपना पराया
- रसोईघर और पखाना
- दानी चंदे का डर
- यस सर
- समझौता अश्लील
हरिशंकर परसाई : कहानी संग्रह
- हंसते हैं रोते हैं
- जैसे उनके दिन फिरे
- भोलाराम का जीव
- दो नाक वाले लोग
हरिशंकर परसाई : उपन्यास
- रानी नागफनी की कहानी
- तट की खोज
- ज्वाला और जल
हरिशंकर परसाई : व्यंग संग्रह
- वैष्णव की फिसलन
- दौड़ता हुआ गणतंत्र
- विकलांग श्रद्धा का दौर