हिन्दू दर्शन से पश्चिमी जगत को मिलाने का श्रेय भारत के महान आध्यात्मिक गुरु ‘स्वामी विवेकानंद’ को जाता है। उन्होंने वैश्विक पटल पर हिन्दू धर्म (अद्वैत वेदांत) का प्रचार-प्रसार किया। आज 4 जुलाई के ही दिन उन्होंने महासमाधि धारण की थी। आज उनके पुण्यतिथि पर जानतें हैं उनके द्वारा कही गयीं कुछ प्रेरणादायी बातें।
“हम वही हैं जो हमें हमारे विचारों ने बनाया है; इसलिए इस बात का ध्यान रखें कि आप क्या सोचते हैं। शब्द गौण हैं, विचार जीवित हैं; वे दूर तक यात्रा करते हैं।”
“उठो! जागो! और तब तक न रुको जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो जाए।”
“ब्रह्माण्ड की सभी शक्तियाँ पहले से ही हमारी हैं। यह हम ही हैं जो अपनी आंखों पर हाथ रख लेते हैं और रोते हैं कि अंधेरा है।”
“उठो, साहसी बनो, और दोष अपने कंधों पर लो। दूसरे पर कीचड़ मत उछालो; आप जिन सभी दोषों से ग्रसित हैं, उनका एकमात्र और एकमात्र कारण आप ही हैं।”
“दिन में एक बार अपने आप से बात करें, अन्यथा आप इस दुनिया में एक उत्कृष्ट व्यक्ति से मिलने से चूक सकते हैं।”
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