भारत के चार धाम में बद्रीनाथ, रामेश्वरम, जगन्नाथ और द्वारका तीर्थ शामिल हैं।
हिंदू सनातन धर्म में चार धाम यात्रा (Char Dham Yatra) का विशेष महत्त्व है। ऐसा कहा जाता है कि हर हिंदू को अपने जीवन में एक बार भारत के चारों धामों की यात्रा अवश्य करनी चाहिए। इसके अलावा अगर कोई बेटा अपने माता-पिता को चार धाम की यात्रा करवाता है, तो उसे जीवन में उस यात्रा के पुण्य का फल अवश्य मिलता है। सनातन धर्म के लोगों में चार धाम तीर्थ यात्रा को लेकर धीरे-धीरे उत्साह व उन्माद दिन पर दिन बढ़ता ही जा रहा है। मगर कुछ लोग ऐसे भी हैं जिन्हें ये ही नहीं पता कि भारत के चार धाम कौन से हैं और ये कहाँ पर स्थित हैं।
भारत के चार धाम कौन से हैं? Char Dham In India
भारत के चार धामों की अगर हम बात करें, तो ये भारत की चारों दिशाओं में स्थित हैं। बहुत से लोग इस भ्रम में हैं कि उत्तराखंड के चार धाम बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री ही भारत के चार धाम हैं, जबकि ऐसा नहीं है। भारत के चार धाम में बद्रीनाथ धाम, रामेश्वरम धाम, जगन्नाथ धाम और द्वारका धाम आते हैं। आपको बता दें कि बद्रीनाथ धाम उत्तर दिशा में, रामेश्वरम धाम दक्षिण दिशा में, जगन्नाथ धाम पूर्व दिशा में और द्वारका धाम पश्चिम दिशा में स्थित है। इन चारों धामों की रचना गुरु शंकराचार्य ने की थी। आइए इन चारों धामों के बारे में विस्तार से जानते हैं।
1. बद्रीनाथ धाम (Badrinath Dham)
बद्रीनाथ धाम उत्तराखंड में अलकनंदा नदी के किनारे चमोली जिले में बसा हुआ चार धामों में सबसे पहला तीर्थ स्थल है। ये भारत की उत्तर दिशा में है, जिसे बद्री विशाल के नाम से भी जाना जाता है। बद्रीनाथ धाम तीर्थ स्थल विष्णु भगवान को समर्पित है, जहाँ नर और नारायण की पूजा की जाती है। बद्रीनाथ धाम मंदिर के कपाट हर साल वैशाख माह के शुल्क पक्ष की अक्षय तृतीया को खोले जाते हैं। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार ये अप्रैल या मई का महीना होता। इसके ठीक छह महीने बाद नवंबर के महीने में इस धाम के कपाट फिर से अगले छह महीने के लिए बंद कर दिए जाते हैं। बद्रीनाथ धाम का सहायक शिव मंदिर केदारनाथ ज्यातिर्लिंग है।
2. रामेश्वरम धाम (Rameshwaram Dham)
चार धाम का दूसरा तीसरा स्थल रामेश्वरण धाम है जो तमिलनाडु के रामनाथपुरम जिले में समुद्र के किनारे दक्षिण दिशा में बसा हुआ है। ये धाम चारों तरफ से हिंद महासागर और बंगाल की खाड़ी से घिरा हुआ है, जहाँ महादेव स्वयं लिंग रूप में विराजमान हैं। रामेश्वरम धाम भगवान शिव को समर्पित है और इसका सहायक शिव मंदिर रंगनाथ स्वामी मंदिर है।
3. जगन्नाथ धाम (Jagannath Dham)
भारत के चार धाम का तीसरा तीर्थ स्थल पूर्व दिशा में ओडिशा राज्य में बसा जगन्नाथ धाम है, जो भगवान श्री कृष्ण को समर्पित है। इस धाम में भगवान जगन्नाथ, उनके बड़े भाई बलभद्र और उनकी बहन सुभद्रा की पूजा की जाती है। हर साल यहाँ पर एक विशाल रथ यात्रा निकाली जाती है, जिसपर भगवान कृष्ण और बलराम की प्रतिमा सवार होती है। जगन्नाथ धाम की कई ऐसी रहस्यमयी बातें हैं, जो इस तीर्थ को अन्य सभी तीर्थों से विशेष बनाती हैं। जगन्नाथ धाम का सहायक शिव मंदिर लिंगराज मंदिर है।
4. द्वारका धाम (Dwarka Dham)
द्वारका धाम भारत के चार धामों में से चौथा धाम है। ये धाम पश्चिम दिशा गुजरात में स्थित है, जो भगवान श्री कृष्ण को समर्पित है। ऐसा माना जाता है कि द्वारका धाम को स्वयं भगवान कृष्ण ने बसाया था। इस धाम में द्वारकाधीश मंदिर है जहाँ चाँदी स्वरूप में स्थापित भगवान श्री कृष्ण की पूजा की जाती है। द्वारका धाम का सहायक शिव मंदिर सोमनाथ ज्योतिर्लिंग है।
चार धाम चार युग
भारत के चारों धाम चारों युगों को दर्शाते हैं। आपको बता दें कि बद्रीनाथ धाम का संबंध सतयुग से है, रामेश्वरम धाम का संबंध त्रेता युग से है, द्वारका धाम का संबंध द्वापर युग से है और जगन्नाथ धाम का संबंध कलयुग से है।
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