महावीर मंदिर न्यास के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि बिहार के पूर्वी चंपारण में बनने वाले विराट रामायण मंदिर का निर्माण 20 जून से शुरू होने जा रहा है।
मीडिया रिपोर्ट्स से यह जानकारी सामने आ रही है कि वर्ष 2025 के सावन महीने तक इस मंदिर में विश्व के सबसे बड़े शिवलिंग की स्थापना हो जाएगी। बताया जा रहा है कि 2025 में यह मंदिर भी बनकर तैयार हो जाएगा।महाबलिपुरम में 250 टन वजन के ब्लैक ग्रेनाइट पत्थर की चट्टान को तराश कर मुख्य शिवलिंग के साथ सहस्रलिंगम भी बनाया जा रहा है। शिवलिंग का वजन 200 टन, ऊँचाई 33 फीट और गोलाई 33 फीट होगी। विदित है कि आठवीं शताब्दी के बाद सहस्रलिंगम का निर्माण भारत में नहीं हुआ है।
दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर
विराट् रामायण मंदिर, बिहार के पूर्वी चम्पारण के चकिया – केसरिया नगर के निकट जानकीपुर में बन रहा एक आगामी मंदिर है। इस मंदिर को पटना की महावीर स्थल न्यास समिति (महावीर मंदिर न्यास) नामक संस्था द्वारा बनाया जा रहा है। 3.67 लाख वर्गफुट में तीन मंजिला मंदिर का निर्माण होगा।
विराट रामायण मंदिर कम्बोडिया के ‘अंकोरवाट’ की तर्ज पर बनाये जाने की योजना थी, जो कि वर्तमान में दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर है। हालाँकि कम्बोडियाई सरकार के विरोध के उत्तर में भारत सरकार के निर्देशतः मंदिर परियोजना में काफी बदलाव किये गए हैं।
मंदिर मुख्य रूप से भगवान श्री राम को समर्पित होगा। इस निर्माणकार्य की कुल लागत ₹500 करोड़ होगी।
इस देश ने किया था विरोध
दरअसल, कम्पूचिया (कम्बोडिया) का अंकोरवाट विश्व का सबसे बड़ा मंदिर है। उसकी भव्यता एवं गौरव को देखने के लिए वहां हर वर्ष लाखों की संख्या में पर्यटक आते हैं जिसके कारण ये कम्बोडिया के लिए विदेशी मुद्रा कमाने का एक प्रमुख स्रोत भी है।
भारत में इसका प्रतिरूप बनने से कम्बोडियाई सरकार को इस बात से चिन्ता थी की इससे अंकोरवाट की लोकप्रियता पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। इसी कारण से कम्बोडियाई सरकार इस मंदिर के निर्माण का विरोध कर रही थी।
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