प्रभु श्री हनुमान, जिन्हें मारुति, बजरंगबली और अंजनेय के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू धर्म में सबसे प्रतिष्ठित शख्सियतों में से एक हैं। प्रभु श्री राम के सबसे समर्पित अनुयायी के रूप में जाने जाने वाले, वह रामायण और कई अन्य पारंपरिक हिंदू कहानियों और कलाकृतियों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
भगवान हनुमान के पास असाधारण शक्तियां और गुण हैं, जिनका उपयोग वह माता सीता को रावण से बचाने में भगवान राम की सहायता के लिए करते हैं। हिंदू पुराणों के अनुसार, हनुमान का जन्म माता अंजना और पिता केसरी से हुआ था, लेकिन उनके जन्म में वायु की दिव्य भूमिका से जुड़ी किंवदंतियों के कारण उन्हें वायु (पवन देवता) का पुत्र भी कहा जाता है।
भक्ति और समर्पण (Devotion and Dedication)
- भगवान हनुमान की भक्ति श्रीराम के प्रति अटूट और निस्वार्थ थी। उन्होंने अपनी इच्छाओं को त्याग कर संपूर्ण जीवन भगवान राम की सेवा में समर्पित कर दिया।
- पाठ: निस्वार्थ भाव से समर्पित होकर काम करें और ईमानदारी बनाए रखें।
निस्वार्थ सेवा (Selfless Service)
- हनुमान जी ने कभी भी अपनी सेवा का श्रेय नहीं लिया। उन्होंने हर कार्य भगवान राम के लिए और उनकी प्रसन्नता के लिए किया।
- पाठ: सेवा करते समय स्वार्थ और अहंकार से दूर रहें।
अटल साहस (Unfaltering Courage)
- जब हनुमान जी को सीता माता की खोज के लिए लंका जाना पड़ा, तो उन्होंने निडर होकर समुद्र को पार किया और कठिनाइयों का सामना किया।
- पाठ: जीवन में किसी भी बाधा से डरने के बजाय साहस के साथ उसका सामना करें।
विनम्रता (Humility)
- असीम शक्तियों के बावजूद हनुमान जी विनम्र बने रहे। उन्होंने कभी अपनी शक्तियों पर अहंकार नहीं किया।
- पाठ: सफलता मिलने पर भी विनम्र बने रहें।
ज्ञान और बुद्धिमत्ता (Wisdom and Intelligence)
- हनुमान जी ने अपनी बुद्धिमत्ता का उपयोग करके कई कठिन समस्याओं को हल किया, जैसे माता सीता को खोज निकालना और संजीवनी बूटी लाना।
- पाठ: कठिन परिस्थितियों में धैर्य रखें और बुद्धिमत्ता से निर्णय लें।
शक्ति का सही उपयोग (Proper Use of Strength)
- हनुमान जी ने अपनी शक्ति का उपयोग केवल धर्म और सत्य की रक्षा के लिए किया।
- पाठ: अपनी ताकत और संसाधनों का उपयोग सही उद्देश्य के लिए करें।
कर्तव्यपरायणता (Sense of Duty)
- हनुमान जी ने अपने कर्तव्य को सर्वोपरि रखा और अपने कर्तव्यों को पूरी निष्ठा के साथ निभाया।
- पाठ: अपने कर्तव्यों को पूरी ईमानदारी और लगन के साथ निभाएं।
स्वयं की शक्ति को पहचानें (Realization of Inner Potential)
- हनुमान जी को अपनी शक्तियों का ज्ञान तब हुआ जब जामवंत ने उन्हें याद दिलाया।
- पाठ: अपनी क्षमताओं को पहचानें और उनका सही तरीके से उपयोग करें।
भगवान हनुमान का जीवन हमें सिखाता है कि भक्ति, साहस, बुद्धिमत्ता और विनम्रता के साथ हम जीवन की हर चुनौती को पार कर सकते हैं।