कल्याण सिंह – Kalyan Singh : पुण्यतिथि विशेष

कल्याण सिंह - Kalyan Singh : पुण्यतिथि विशेष

कल्याण सिंह एक भारतीय राजनीती में एक जाना-पहचाना नाम है। कल्याण सिंह बीजेपी के सदस्य व उत्तर-प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री थे। इसके अलावा, वे कई प्रदेशों के राज्यपाल (गवर्नर) भी रह चुके थे।

जन्म व आरम्भिक जीवन

कल्याण सिंह का जन्म 5 जनवरी, 1932 को उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में हुआ था। उनके पिता का नाम था तेजपाल लोधी। कल्याण सिंह की माता श्रीमती सीता देवी थीं। मूल रूप से अलीगढ़ जिले की अतरौली तहसील के गांव मढ़ौली में एक साधारण किसान परिवार में जन्मे कल्याण सिंह बचपन से राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की शाखाओं में जाते थे। राजनीती में आने से पूर्व कल्याण सिंह अतरौली के एक इंटर कॉलेज में अध्यापक बने।

कल्याण सिंह की जीवनी – Biography of Kalyan Singh in Hindi

पूरा नाम कल्याण सिंह लोधी
पिता का नाम तेजपाल सिंह
माता का नाम श्रीमति सीता देवी
जन्म – तिथि 05 जनवरी, 1932
जन्म – स्थान मधौली, अतरौली, अलीगढ (उत्तर प्रदेश )
वैवाहिक स्थिति विवाहित
पत्नी का नाम श्रीमती रामवती देवी
पुत्र 1
पुत्री 1
शिक्षा बी.ए.
व्यवसाय राजनीतिज्ञ
निधन 21 अगस्त, 2021

राजनीती में…

सिंह संघ से जुड़े होने के कारण शुरुआत से ही राजनीती से जुड़े हुए थे। उन्होंने अपना पहला चुनाव सन् 1962 लड़ा, जो वे हार गए। लेकिन इस हार के कारण वे अपने राजनितिक सफर से पीछे नहीं हटे। इसके बाद कल्याण सिंह वर्ष 1967 में अतरौली विधानसभा क्षेत्र से उत्तर प्रदेश विधान सभा का चुनाव लड़ा। तत्पश्चात उन्होंने लगातार उसी विधानसभा क्षेत्र से 10 चुनाव लड़े। कल्याण सिंह ने इनमें से नौ में जीत हासिल की। 

वर्ष 1991 में  हुए संसदीय और विधायी चुनावों में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी और उत्तर प्रदेश में सरकार बनाने में सफल रही। भाजपा की इस जीत के बाद जून, 1991 में कल्याण सिंह पहली बार मुख्यमंत्री बने। दूसरी बार, कल्याण सिंह 1996 में मुख्यमंत्री बने। जब राम मंदिर आंदोलन अपने चरम पर था और बाबरी मस्जिद विध्वंस हुआ था तब कल्याण सिंह मुख्यमंत्री थे।

1999 में मतभेद होने पर कल्याण सिंह ने भाजपा को छोड़कर ‘राष्ट्रीय क्रांति पार्टी’ का गठन किया। 2004 में अटल बिहारी वाजपेयी की मौजूदगी में भाजपा में पुन: वापसी हुई। उसी साल बुलंदशहर से संसदीय चुनाव जीतकर पहली बार वे संसद में पहुंचे। बीजेपी से पुनः नाराजगी के कारण कल्याण सिंह फिर पार्टी से अलग हो गए, जिस कारण वर्ष 2009 में एटा से निर्दलीय निर्वाचित होकर दूसरी बार सांसद बने। 

मार्च, 2014 में नरेंद्र मोदी के कहने पर कल्याण सिंह पुनः भाजपा में शामिल हुए। बीजेपी में वापसी पर उन्हें पार्टी ने राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया। जिस जन क्रांति पार्टी की स्थापना उन्होंने वर्ष 2010 की थी, उसका जनवरी, 2013 में भाजपा में विलय हो गया था। अपने राजनितिक जीवन के अंतिम पड़ाव में उन्हें भारतीय जनता पार्टी के द्वारा राजस्थान व हिमाचल का राज्यपाल बनाया गया। 

निधन और सम्मान

कल्याण सिंह की बहु-अंग विफलता से पीड़ित होने के कारण 89 वर्ष की आयु में 21 अगस्त, 2021 को एसजीपीजीआई में मृत्यु हो गई। जनवरी, 2022 में उन्हें मरणोपरांत भारत के दूसरे सबसे बड़े नागरिक पुरस्कार पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया।

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