रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की गुरुवार की हुई बैठक में राममंदिर में चढ़ावा और व्यय का लेखा-जोखा पेश किया गया। रामलला को एक अप्रैल 2023 से 31 मार्च 2024 तक दान में 363 करोड़, 34 लाख रुपये प्राप्त हुए। ट्रस्ट को यह राशि विभिन्न माध्यमों से प्राप्त हुई। इस अवधि में विदेश में रहने वाले रामभक्तों ने 10 करोड़, 43 लाख रुपये समर्पित किए, जबकि बैंक में जमा 2600 करोड़ रुपये के ब्याज स्वरूप उक्त अवधि में 204 करोड़ रुपये प्राप्त हुए।
रामलला की आय से जुड़ा यह लेख- जोखा मणिरामदास जी की छावनी में हुई ट्रस्ट की बैठक में प्रस्तुत किया गया। बैठक में यह भी स्पष्ट किया गया कि गत वित्तीय वर्ष में राममंदिर के निर्माण पर 540 करोड़ तथा रामजन्मभूमि परिसर के विकास पर 236 करोड़ रुपये व्यय हुए। एक अप्रैल 2024 से 31 मार्च 2025 तक राममंदिर के निर्माण में 670 करोड़ रुपये और व्यय होंगे।
ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास की अध्यक्षता में हुई बैठक में बताया गया कि पांच अगस्त 2020 को राम मंदिर के भूमिपूजन के बाद से रामलला को 13 क्विंटल चांदी और 20 किलो सोना प्राप्त हुआ है। पदाधिकारियों ने बताया कि गर्भगृह में तो रामलला की एक मूर्ति स्थापित की गई है, लेकिन यहां के लिए तीन मूर्तियों का निर्माण किया गया था। ट्रस्ट ने सभी मूर्तिकारों को 75-75 लाख रुपये प्रदान किए।
राममंदिर के प्रथम तल पर स्थापित किए जाने के लिए राम दरबार का विग्रह अंतिम रूप से संगमरमर से कराने का निर्णय किया गया है, किंतु इसके पूर्व ट्रस्ट ने विशेष किस्म के मिश्रित धातु टाइटेनियम से रामदरबार का विग्रह निर्मित कराने का निर्णय लिया था। अब यह विग्रह तैयार भी हो चुका है, किंतु इसे प्रथम तल के गर्भगृह में चल विग्रह के रूप में स्वीकार किया गया। अचल विराग्रह के रूप में रामदरबार का संगमरमर का विग्रह निर्मित कराया जा रहा है।
प्रभु श्रीराम के दिव्य-भव्य मंदिर में विराजमान होने के बाद रामनगरी में मनाया जाने वाला दीपोत्सव इस बार बेहद अहम होगा। इस वर्ष मनाए जाने वाले आठवें दीपोत्सव की तैयारियां अभी से शुरू हो गई हैं। डा. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के स्वयंसेवक इस वर्ष 25 लाख से अधिक दीपक जला कर नया कीर्तिमान स्थापित करने की तैयारी में हैं।