दिल्ली में दो साल बाद सोमवार से रामलीला का भव्य मंचन देखने को मिलेगा। कोरोना के चलते लीला का मंचन
बीते वर्षों में प्रभावित रहा था। चुनिंदा जगहों पर लीलाएं आयोजित हुई थीं, लेकिन इस बार एक हजार स्थानों पर
मंचन का दावा श्री रामलीला महासंघ दिल्ली मे किया है।
रामलीला मंचन के दौरान बारिश न हो इसे लेकर श्री रामलीला कमेटी इंद्रप्रस्थ की ओर से रविवार को इंद्र देवता की
पूजा अर्चना की गई। वहीं, रविवार शाम तक बारिश न होने पर रामलीला समितियों ने राहत की सांस होती हैं। ली।
रामलीला मंचन स्थल के मैदान को सुखाने का कार्य पूरा किया गया। मैदान पर मिट्टी डलवाई गई। मंचन से जुड़ी
तैयारियों में मजदूर से लेकर कमेटी पदाधिकारी मैदान पर जुटे दिखे। श्री रामलीला महासंघ दिल्ली और लव कुश
रामलीला कमेटी के अध्यक्ष अर्जुन कुमार ने बताया कि मंचन को तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। दिल्ली में इस बार
एक हजार स्थानों पर रामलीला का मंचन हो रहा है। मैदान में होने वाली 500-600 रामलीलाएं है। जबकि बाकी
गली- मोहल्लों में रामलीलाएं होती है।
गणेश पूजा से शुरुआत : लालकिला मैदान के 15 अगस्त पार्क में रामलीला करने वाले नव श्री धार्मिक लीला कमेटी के
मंत्री प्रकाशमुगलचंद्र बराठी ने बताया कि रविवार की मैदान सुखाने का कार्य किया गया।
बादशाह बहादुर शाह जफर के समय से आयोजन
रामलीला मैदान में मंचन करने वाली श्री रामलीला कमेटी के चेयरमैन अजय अग्रवाल ने बताया कि दो साल बाद
भगवान राम की सवारी निकाली जाएगी। चांदनी चौक स्थित साइकिल मार्केट से शुरू होकर दरीबा कला, फव्वारा,
टाउन हॉल, नई सड़क, हौजकाजी, चावड़ी बाजार, अजमेरी गेट होते हुए लीला स्थल पर पहुंचेगी। सवारी का इतिहास
180 साल से भी अधिक पुराना है। महासचिव राजेश खन्ना ने बताया कि अयोध्या के राम मंदिर की तर्ज पर पांच
मंजिला मंच सजाया है। मुगल बादशाह बहादुर शाह जफर के समय से लीला का मंचन हो रहा है। इस बार 11
दिनों में 22 झांकियों का जुलूस निकलेगा।