हिमाचल प्रदेश का नाम सुनते ही सबसे पहले लोगों के मन में एक ही ख्याल आता है कि वह पर्यटन स्थल है.
हिमाचल प्रदेश खूबसूरत प्रकृति के साथ प्राकृतिक स्थलों के लिए काफी मशहूर है. हिमाचल प्रदेश का मनाली पर्यटन
स्थल पर्यटकों को बेहद पसंद आता है. मनाली में प्राकृतिक पर्यटन स्थल के साथ बहुत सारे धार्मिक पर्यटन स्थल
भी शामिल है जो पर्यटकों को काफी आकर्षित भी करते हैं.
मनाली शहर से महज 3 किलोमीटर की दूरी पर एक वशिष्ठ मंदिर वशिष्ठ गांव में मंदिर मौजूद हैं. वशिष्ट गांव में
मंदिर के आसपास कई गर्म झरने है जहां से गर्म पानी झड़ते हैं. चरणों के बारे में कुछ ऐसी मान्यता है कि जो भी
उस झड़ने में स्नान करता है उसके सारे गंभीर रूप के बीमारियों को नष्ट कर देता है. बताया जाता है कि यह
मंदिर 4000 साल से भी ज्यादा पुराना है. मंदिर के अंदर ऋषि काले के पत्थर भी प्रतिष्ठित है. इसके साथ यहां
पर राम सीता लक्ष्मण की मूर्तियां भी विराजमान है. मनाली में जो भी पर्यटक घूमने आते हैं बस मंदिर में अवश्य
चाहते हैं और भगवान के दर्शन करते हैं.
हिमाचल प्रदेश के मनाली में स्थित वशिष्ट मंदिर 4000 साल से भी ज्यादा पुराना मंदिर है. यह मंदिर बिपाशा नदी
के आसपास मौजूद हैं. अब इस नदी को व्यास नदी के नाम से भी जाना जाता है. इस नदी के आसपास गर्म पानी
गिरने वाले झाड़ने भी है. इसके साथ ही कहा जाता है कि इस झाड़ने में नहाने के बाद कई बीमारियों से भी
छुटकारा मिलता है.
मनाली स्थित वरिष्ठ मंदिर में पहुंचने के लिए वहां का नजदीकी हवाई अड्डा भुंतर है. जिसके बाद 50 किलोमीटर
तक का सड़क मार्ग भी तय करना पड़ता है तब जाकर लोग वशिष्ठ मंदिर के दर्शन कर पाते हैं. इसके अलावा
अगर ट्रेन से मनाली जाना हो तो पठानकोट तक ट्रेन आती है. उसके बाद लोगों को सड़क मार्ग का सहारा लेना
पड़ता है.