बंगाल की खड़ी के तट पर स्थित ओडिशा राज्य भारत के पूर्वी तट पर स्थित एक बेहद खूबसूरत एवं सांस्कृतिक समृद्ध राज्य है। ओडिशा भौगोलिक दृष्टि से भी काफी अनूठा राज्य है क्योंकि यह उत्तर में झारखंड, उत्तर पूर्व में पश्चिम बंगाल, दक्षिण में आंध्र प्रदेश और पश्चिम में छत्तीसगढ़ से घिरा है। ओडिशा के समुद्री तट, दर्शनीय मंदिर और खूबसूरत पर्यटक स्थल भारत ही नहीं बल्कि दुनिया भर के लिए आकर्षण का प्रमुख केंद्र है। ओडिशा में ऐसे बहुत से पर्यटक स्थल मौजूद हैं जहाँ जाकर आप ओडिशा की संस्कृति के दर्शन करने के साथ ही भारत में ओडिशा राज्य के महत्व को भी समझ सकते हैं।
उड़ीसा राज्य की राजधानी भुवनेश्वर मे लगभग ७०० मंदिर हैं, जिनमें से अधिकतर भगवन शिव के मंदिर हैं। यह शहर अपनी प्राचीन शिल्प कला को सजोए रखने के हिसाब से अत्यधिक प्रसिद्ध है। बिंदु सागर एवं उसके आस-पास का क्षेत्र काफी सुन्दर और मनमोहक है।
पुरी राजधानी से सिर्फ 60 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। भारत में 4 प्रमुख तीर्थ स्थल हैं जिनमें ओडिशा के पुरी का नाम भी शामिल है। यह स्थल भारत में चार धाम यात्रा का भी हिस्सा है। पुरी बंगाल की खाड़ी के तट पर स्थित पवित्र शहर है। इसे भगवान शिव के विश्राम स्थल के रूप में भी जाना जाता है। पुरी में बहुत से मंदिर स्थित है, जिसकी वजह से ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर को मंदिर की नगरी भी कहा जाता है। पुरी बीच, पुरी बीच फेस्टिवल, पुरी जगन्नाथ मंदिर, छिलका झील, पक्षी अभ्यारण्य और गुंडिचा घर मंदिर यहाँ के प्रमुख आकर्षण हैं।
कोणार्क मंदिर को प्राचीन कला और मूर्ति कला का केंद्र माना जाता है। इसे ओडिशा का सबसे अच्छा गंतव्य स्थान भी कहा जाता है। कोणार्क सूर्य मन्दिरर की नक्काशी काफी खूबसूरत है जिसे देखने के लिए पर्यटकों की भीड़ हमेशा जमा रहती है। कोणार्क सूर्य मंदिर का नाम भारत के 7 अजूबों में भी शामिल है। आप ओडिशा के तटों की ठंडक महसूस करने के साथ ही यहाँ स्थित मनोरंजक पुरातात्विक संग्रहालय के दर्शन भी कर सकते हैं।
जयपोर स्थल ओडिशा में सबसे ज़्यादा देखा जाने वाला पर्यटक स्थल है। 16 वी शताब्दी में इसे सूर्यवंशी राजवंश द्वारा स्थापित किया गया था। यह स्थान पूर्वी घाट पर्वतमाला के बीचों बीच स्थित है। घूमने के लिए जयपोर ओडिशा का सबसे लोकप्रिय स्थान है। यह स्थान घने जंगलों और धुंध से छिपी घाटियों से घिरा है। यहाँ के मनमोहक झरने देश भर से यात्रियों को अपनी और आकर्षित करते हैं।
12 वी शताब्दी में इसका निर्माण गंगा राजवंश के शासक द्वारा किया गया था। दुनिया भर में प्रसिद्ध रथयात्रा का आयोजन यहीं किया जाता है। यहाँ मुख्य रूप से भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा का पूजन किया जाता है। भगवान जगन्नाथ का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए लोग भगवान जगन्नाथ के दर्शन के लिए ज़रूर जाते हैं। मंदिर शहर के बीचों बीचों एक ऊँचे चबूतरे पर बना है जिससे यह पूरे शहर का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करता है।
कटक महानदी नदी डेल्टा की नोक पर स्थित है। इसे 'रौप्य नगर' के नाम से भी जाना जाता है। यह ओडिशा का सबसे बड़ा शहर है और घूमने के लिए ओडिशा का प्रसिद्ध स्थल है। कटक का इतिहास 1,000 साल से भी ज़्यादा पुराना है। महानदी बैराज, बाराबती का किला, भितरकनिका वन्यजीव अभयारण्य, अंसुपा झील, और सिंगनाथ और भट्टारिका के मंदिर यहाँ के प्रमुख आकर्षण स्थल माने जाते हैं।