बारिश के साथ ओले (बर्फ के कण) आने का क्या है कारण (What is the reason for hailstorm (snow particles) coming with rain)?
गर्मी के गर्म मौसम में भी आसमान से ओले गिरने लगते हैं। ओलावृष्टि की सबसे अधिक संभावना सर्दियों और मानसून से पहले होती है। आमतौर पर मार्च और अप्रैल में ओला कम गिरता है। ओलावृष्टि से फसलों को काफी नुकसान हो जाता है। क्या आप जानतें हैं कैसे बनते हैं आसमान में ये बर्फ के टुकड़े?
क्या है प्रक्रिया? (What is the process)
नदियों और समुद्र से पानी भाप बनकर ऊपर उठता है, तो नियमित प्रक्रिया में ये बादल बनाता है। बादल जब सघन होने लगते हैं तो पानी बरसाना शुरू करते हैं। बारिश काफी हद तक हवा की गति, दबाव और तापमान पर भी निर्भर करती है। समुद्र तल की अपेक्षा जैसे-जैसे हम उंचाई की और बढ़ते जाते हैं, तो तापमान धीरे -धीरे कम होता जाता है। आसमान में ऊंचाई पर तापमान शून्य से कई डिग्री कम हो जाता है तो वहां मौजूद हवा में नमी पानी की छोटी-छोटी बूंदों के रूप में जमने लगता है। इन जमी हुई बूंदों पर पानी और जमता जाता है और धीरे-धीरे ये बर्फ के टुकड़े या बर्फ के गोलों के रूप में परिवर्तित हो जाता है।
पृथ्वी पर गिरने की भी है प्रक्रिया (There is also a process of falling to earth)
जब ये गोले ज्यादा भारी हो जाते हैं तो आसमान से पृथ्वी पर गिरने लगते हैं। गर्म हवा से टकरा कर ये गोले पिघलने लगते हैं और पानी की बूंदों में बदल जाते हैं। जो बारिश के रूप में गिरने लगते हैं। इसमें कुछ बर्फ के टुकडे ज्यादा मोटे होते हैं, जो पिघल नहीं पाते हैं और नीचे पृथ्वी पर छोटे छोटे गोल टुकडो के रूप में गिरते हैं। यही ओले होते हैं।
ओलावृष्टि से होने वाला नुकसान (Hail damage)
- फसलों को नुकसान
- विमान, ऑटोमोबाइल, कांच की छत वाली संरचनाओं, रोशनदानों को नुकसान इत्यादि।
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