जिस तरह भारत आज़ादी के 75 वर्ष पुरे होने का जश्न मना रहा है, वही पाकिस्तान भी भारत से एक पहले अपना
75वां आज़ादी का जश्न ज़रूर मनाएगा। लेकिन पाकिस्तान में बढ़ती महगाई ने आम जनता की कमर तोड़ दी है।
दरसअल, पिछले 4 सालों में पाकिस्तान का बजट घाटा स्तर 1600 अरब से बढ़कर 3500 अरब डॉलर के चरम पर
पहुंच गया है। पाकिस्तान की विदेशी मुद्रा बहुत काम हो गई है जिससे देश में कंगाली की हालत बनती नज़र आ
रही है। फिलहाल पाकिस्तान ने अंतराष्टीय और अरब देशों से मदद करने की अपील भी की है। वर्ष 2019 के बाद
पाकिस्तान की विदेशी मुद्रा 7. 83 अरब डॉलर पर आ गई है। जो अभी तक का न्यूनतम स्तर रहा है। 3 से 4
हफ्ते पहले विदेशी मुद्रा आयात के लगभग है, लेकिन पहले 5 से 6 हफ्ते तक का था। इससे यह पता चलता है की
पाकिस्तान की अर्थववस्था गिरावट की ओर जा रही है।
क्यों डूबी पाकिस्तान की अर्थवयवस्था ?
पाकिस्तान की विदेशी मुद्रा ख़त्म होने का एक मात्र कारण यह है कि इस महीने ऋण भुगतान में भारी बढोत्तरी
नज़र आया है। साथ ही, बाहरी वित्तपोषण के कारण विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट आई है। दरसल, स्टेट बैंक ऑफ़
पाकिस्तान के आधार पर साप्ताहिक 55.5 करोड़ डॉलर की गिरावट आई है। 13 साल बाद पाकिस्तान के मंहगाई
दर में गिरावट नज़र आई है।
इकोनॉमिस्ट ने पाकिस्तान को दी चेतावनी।
आतिफ मियां जो पाकिस्तान के टॉप इकोनॉमिस्ट में से एक है उन्होंने हाल ही में कहा था कि देश में अर्थववस्था
में भारी गिरावट आ सकती है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा था कि पाकिस्तान रुपए की कीमते गिरने वाली है
और जैसा उन्होंने कहा कुछ वैसा ही दृश्य नज़र आ रहा है। इकोनॉमिस्ट के अनुसार, पाकिस्तानी रुपए डॉलर के
मुकाबले 20 फीसदी तक गिर गया है।
मंहगाई ने पाकिस्तान की तोड़ी कमर।
पाकिस्तान की महंगाई ने इस कदर करम तोड़ दी है कि इस वक्त एक लीटर पेट्रोल के लिए लोगो को 248 रुपए
देना पड़ रहा हैं। तो वही डीजल के लिए 263 रुपए लोगो से वसूला जा रहा है।