खादी और ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) मेडिकेटेड घी बनाने के बिजनेस पर एक रिपोर्ट तैयार की है। इस रिपोर्ट में इस बिजनेस में होने वाले खर्च और मुनाफे के बारें में बताया गया है। साथ ही यह भी बताया गया है की इस बिजनेस को शरू करने में कितना खर्च आएगा।
कोरोना महामारी के बाद से लोगों ने अपनी सेहत पर काफी ध्यान देना शुरु कर दिया है। एक और जहाँ आयुर्वेदिक प्रोडक्ट्स की माँग में इज़ाफ़ा हुआ है तो वहीं आपके स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए कई स्टार्ट अप्स की भी शुरुआत हुई है। यदि आप खुद के बिजनेस की शरुआत करना चाहते हैं तो आप मेडिकेटिड घी बनाने का काम शुरु कर सकते हैं। इस बिजनेस को खड़ा करने के लिए आप सरकार से लोन भी लें सकते हैं। कोरोना काल के बाद से मेडिकेटिड घी की माँग में काफी इज़ाफ़ा देखने को मिला है इसलिए इस बिजनेस के सफल होने के चांसेज़ भी काफी बढ़ गए हैं।
घी का सेवन सेहत के लिए बेहद लाभदायक साबित होता है। घी से होने वाले फायदों के बारें में सभी जानते है। इसलिए आज विज्ञान की तरक्की की तर्ज पर मेडिकेटेड घी भी बनाया जा रहा है। काली मिर्च, सोंफ, पीपली इत्यादि से मेडिकेटिड घी तैयार किया जाता है। आप जानते है KVIC के उस रिपोर्ट की बारें में जिसमें इस बिजनेस को शरू करने के लागत के साथ ही इस बिजनेस से होने वाले मुनाफे और इस पर होने वाले खर्च के बारें में भी बताया गया है।
KVIC की रिपोर्ट के मुताबिक मेडिकेटिड घी के बिजनेस को शुरू करने के लिए आपके पास 480 लाख रुपय की धनराशि होनी चाहिए। प्रोजेक्ट रिपोर्ट की माने तो बिजनेस की शरुआत करने के लिए आपके पास खुद की ज़मीन होनी चाहिए। 1000 वर्ग फुट बिल्डिंग शेड बनाने पर 200000 रुपय का खर्च आएगा। वहीं Volumetric Ghrita filling machine, Bottle Washing , Drying Machine पर 18000 रुपय खर्च होंगे। कुल खर्च 38000 रुपय होगा। वर्किंग कैपिटल 105000 के साथ प्रोजेक्ट कोस्ट 485000 रुपय होगी।
इतनी होगी कमाई
KVIC की रिपोर्ट के मुताबिक सालाना 40000 किलोग्राम मेडिकेटेड घी का उत्पादन हो सकता है। इसकी कुल कीमत 1256200 रुपय हो सकती है। 100 % उत्पादन पर प्रोजेक्ट सेल्स 1500000 रुपय होगी। इसमें से खर्चों को घटा दिया जाए तो 234800 रुपय की कमाई हो सकती है।