हर साल 17 दिसंबर को यौनकर्मियों के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय दिवस (International Day to End Violence Against Sex Workers) के रूप में मनाया जाता है। यह दिन यौनकर्मियों के खिलाफ हो रही हिंसा, भेदभाव और उनके मानवाधिकारों के हनन पर जागरूकता फैलाने के लिए समर्पित है। इस दिन को 2003 में शुरू किया गया था और यह यौनकर्मियों के लिए न्याय, सुरक्षा और समानता की मांग को उजागर करता है।
समस्या का दायरा
यौनकर्मियों को दुनियाभर में भेदभाव, हिंसा और सामाजिक बहिष्कार का सामना करना पड़ता है। यह हिंसा अक्सर पुलिस, ग्राहकों, तस्करों या समाज के अन्य वर्गों से आती है।
- मानवाधिकार का उल्लंघन: यौनकर्मियों को स्वास्थ्य सेवाओं, कानूनी सहायता और सामाजिक सुरक्षा से वंचित रखा जाता है।
- कलंक और बहिष्कार: समाज में यौनकर्म को गलत दृष्टि से देखा जाता है, जिससे इन लोगों को मुख्यधारा से अलग कर दिया जाता है।
इस दिन का महत्व
- आवाज उठाने का मौका: यह दिन यौनकर्मियों को उनके साथ हुई हिंसा के खिलाफ बोलने का एक मंच देता है।
- समर्थन और जागरूकता: विभिन्न संगठनों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं द्वारा यौनकर्मियों के अधिकारों और सुरक्षा के लिए आवाज उठाई जाती है।
- सकारात्मक बदलाव की उम्मीद: यह दिन समाज को यौनकर्मियों के प्रति अपनी सोच बदलने और उनके लिए सुरक्षित और गरिमापूर्ण वातावरण बनाने का आह्वान करता है।
निष्कर्ष
अंतर्राष्ट्रीय यौनकर्मी हिंसा उन्मूलन दिवस हमें याद दिलाता है कि हर इंसान, चाहे उसका पेशा कुछ भी हो, सम्मान और सुरक्षा का हकदार है। इस दिन हमें यौनकर्मियों के अधिकारों की रक्षा के लिए समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की प्रतिबद्धता दोहरानी चाहिए।