हनुमान जयंती पर हनुमान जी की पूरी विधि-विधान से पूजा करने का विशेष महत्व होता है।
हनुमान जयंती या हनुमान जन्मोत्सव का पर्व प्रतिवर्ष चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को श्री हनुमान जी के जन्मदिवस के उपलक्ष में मनाया जाता है। हनुमान जी प्रभु श्री राम के परम भक्त और भगवान शिव का ग्यारहवां रूद्र अवतार थे। हिंदू धर्म में ऐसी मान्यता है कि हनुमान जी कलियुग के ऐसे देवता हैं, जो अभी भी जीवित हैं और सभी के कष्टों को दूर करते हैं। इसलिए हनुमान जी को संकटमोचन भी कहा जाता है। हनुमान जयंती पर लोग विशेष रूप से हनुमान चालीसा, बजरंगबाण, संकटमोचन हनुमानाष्टक और सुंदरकांड का पाठ करते हैं।
कैसे हुआ था हनुमान जी का जन्म?
हिंदू धर्म में हनुमान जी के जन्म को लेकर अनकों कथाएं प्रचलित हैं। एक पौराणिक कथा के अनुसार माता अंजनी एक दिन पर्वत के शिखर की तरफ जा रही थीं। उन्होंने मानव का रूप धारण किया हुआ था। माता अंजनी डूबते सूरज को देख रही थीं, कि तभी तेज हवा चलने लगी। तेज हवा की वजह से उनके वस्त्र उड़ने लगे लेकिन जब उन्होंने अपने चारों तरफ देखा, तो हवा से एक भी पत्ता नहीं हिल रहा था। वह समझ गईं कि कोई मायवी राक्षस जानबूझ कर ये सब कर रहा है।
अंजनी माता ने क्रोधित होकर कहा कि कौन एक स्त्री का अपमान कर रहा है। उसी समय पवन देव प्रकट हो गए और अंजनी माता से अपनी इस भूल की क्षमा मांगते हुए कहा कि मैं विवश हूं क्योंकि ऋषिओं ने आपके पति को मेरे जैसा पराक्रमी पुत्र होने का वरदान दिया है, जिस कारण मुझे आपके शरीर को स्पर्श करना पड़ा। अब मेरे स्पर्श से भगवान रूद्र स्वयं आपके पुत्र के रूप में प्रकट होंगे। इस तरह हनुमान जी का जन्म भगवान शिव के ग्यारहवें रूद्र अवतार के रूप में हुआ।
हनुमान जी का मंगलवार से क्या है नाता?
ऐसा माना जाता है कि जब चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को श्री हनुमान जी का जन्म हुआ, तो वह मंगलवार का दिन था। इसलिए मंगलवार का दिन हनुमान जी को समर्पित है और इस दिन हनुमान भक्त हनुमान जी के व्रत भी रखते हैं।
हनुमान जयंती पर कैसे करें हनुमान जी की पूजा?
हनुमान जयंती या हनुमान जन्मोत्सव विशेष रूप से हनुमान जी का दिन होता है, इसलिए इस दिन सभी हनुमान भक्तों को पूरी विधि के साथ हनुमान जी की पूजा करनी चाहिए। आइए जानते हैं हनुमान जयंती पर विधि-विधान से हनुमान जी की पूजा कैसे करें?
- सुबह उठकर स्नान करने के बाद सबसे पहले अपने घर के पास किसी हनुमान मंदिर में जाएं।
- मंदिर में जाकर सबसे पहले हनुमान जी की मूर्ति को सिंदूर व चोला चढ़ाएं।
- इसके बाद हनुमान जी को चंदन, फल, फूल, धूप व दीप अर्पित करें।
- फिर हनुमान जी के प्रिय भोग लड्डू, पंचमेवा, बूंदी, गुड़-चना और पान के बीड़ा का प्रसाद लगाएं।
- प्रसाद का भोग लगाने के बाद आसान पर बैठकर हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ करें।
- फिर हनुमान जी के मंत्र ‘ॐ हं हनुमत्ये नमो नमः’ का 21 बार जाप करें।
- जाप संपूर्ण होने के बाद हनुमान जी की आरती गाएं और सभी भक्तों में हनुमान जी के भोग का प्रसाद बांटें।
हनुमान जी के प्रसिद्ध मंदिर
- हनुमानगढ़ी (अयोध्या, उत्तर प्रदेश)
- सालासर हनुमान मंदिर (सालासर, राजस्थान)
- बालाजी हनुमान मंदिर (मेहंदीपुर, राजस्थान)
- प्राचीन हनुमान मंदिर (कनॉट प्लेस, नई दिल्ली)
हनुमान जी का मंत्र
ओम हनु हनुमते नमो नमः, श्री हनुमते नमो नमः।
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