पृथ्वीराज कपूर एक भारतीय अभिनेता थे, इन्हे हिंदी सिनेमा का पिता भी माना जाता है। पृथ्वीराज ITPA के संस्थापको में से भी एक थे, प्रथ्वीराज कपूर ने सन् 1944 में मुंबई में पृथ्वी थिएटर की स्थापना की थी। हिंदी फिल्मों (बॉलीवुड) में कपूर की पीढ़ियों आज भी अपनी भूमिका निभाई रही हैं। भारतीय सिनेमा में योगदान के लिए भारत सरकार द्वारा उन्हें सन् 1969 में पद्म भूषण और 1971 में दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
Prithviraj Kapoor Biography
Born | 3 November, 1906 |
Birth Place | Samundri, Punjab, British India (Present day- Pakistan) |
Died | 29 May 1972, Mumbai |
Occupations | Actor, Filmmaker |
Relatives | Kapoor Family |
Honours | Padma Bhushan (1969), Dadasaheb Phalke Award (1971) |
Children | Raj Kapoor, Shammi Kapoor, Shashi Kapoor, |
Grandchildren | Rishi Kapoor, Randhir Kapoor, Rajiv Kapoor, Kunal Kapoor, Ritu Nanda |
Great grandchildren | Ranbir Kapoor, Kareena Kapoor Khan, Karisma Kapoor |
Spouse | Ramsarni Mehra Kapoor |
शुरुआत
पृथ्वीराज कपूर का जन्म 3 नवंबर, 1906 को पंजाब, ब्रिटिश भारत में (जोकि अब पकिस्तान में है) हुआ था। इनके पिता दीवान बशेश्वरनाथ कपूर भारतीय पुलिस में एक पुलिस अधिकारी थे। जोकि पेशावर शहर में तैनात थे। पृथ्वीराज के दादा, दीवान केशवमल कपूर, लायलपुर के पास समुंद्री में तहसीलदार थे। पृथ्वीराज कपूर आठ भाई-बहनों में सबसे बड़े थे। कपूर ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा लायलपुर खालसा कॉलेज से की और बाद में पेशावर के एडवर्डस कॉलेज से कला में स्नातक की डीग्री प्राप्त की। अभिनय में आने से पहले उन्होंने एक साल तक कानून की भी पढ़ाई की थी।
करियर
पृथ्वीराज कपूर ने अपने करियर की शुरुआत लायलपुर और पेशावर के थिएटरों से की थी। सन् 1928 में, वह अपनी मौसी से उधार लेकर अपने सपनों के शहर बॉम्बे चले गए। जहां वो इंपीरियल फिल्म्स कंपनी में शामिल हो गए और उन्होंने फिल्मों में छोटी भूमिकाओं मे करना शुरू कर दिया। 1928 में, अपनी पहली फिल्म, बे धारी तलवार में उन्होंने एक सह कलाकार के रूप मे एक्टिंग की शुरुआत की। सन् 1929 में रिलीज़ हुई सिनेमा गर्ल नामक फ़िल्म में पृथ्वी ने अपनी तीसरी फिल्म में मुख्य किरदार की भूमिका निभाई थी। बाद में वो ग्रांट एंडरसन थिएटर कंपनी में भी शामिल हुए, जोकि एक अंग्रेजी थिएटर कंपनी थी।
कपूर थिएटर के प्रति समर्पित रहे और नियमित रूप से उन्होंने मंच पर अपना प्रदर्शन जारी रखा। 1944 में कपूर ने अपना खुद के थिएटर ग्रुप, पृथ्वी थिएटर्स को स्थापित किया। पृथ्वीराज ने पृथ्वी थिएटर्स में निवेश किया, जिसने पूरे भारत को यादगार प्रस्तुतियों दी। इस थिएटर ने लगभग 2,662 प्रदर्शन किए। पृथ्वीराज ने हर एक शो में मुख्य अभिनेता की भूमिका निभाई। जैसे जैसे कपूर की उम्र बढ़ती गई, वैसे वैसे उन्होंने धीरे-धीरे थिएटर की गतिविधियाँ बंद कर दीं। जिसके बाद वो अपने बेटों सहित कुछ फिल्मों का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया और फिल्मोबमे अभिनय करने लगे। वो 1951 की फिल्म आवारा में एक सख्त जज की भूमिका में दिखाई दिए, जिसमे उन्होंने अपने बेटे राज के साथ काम किया था। पृथ्वीराज की मृत्यु 29 मई 1972 को मुम्बई में हो गई।
फैमिली
पृथ्वीराज कपूर ने रामसरनी मेहरा से शादी की। इन दोनो के चार बच्चे हुए-, राज कपूर, उर्मिला कपूर, शम्मी कपूर और शशि कपूर। बड़े बेटे राज कपूर ने कृष्णा मल्होत्रा से शादी की, इन दोनो के पांच बच्चे हुए-रणधीर कपूर, रितु कपूर, ऋषि कपूर, रीमा कपूर और राजीव कपूर। कपूर खानदान की पीढ़ियां आज भी बॉलीवुड में अपनी धाक जमा रही है।
अवॉर्ड
पृथ्वीराज कपूर को देश का सबसे बड़ा फ़िल्म सम्मान दादा साहब फाल्के अवार्ड मिला। इसके पृथ्वीराज को पद्म भूषण तथा कई अन्य बड़े पुरस्कारों से भी नवाजा गया है।